विधि-विवरण ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • पवित्र बाईबल
अध्याय 7
1 “जब प्रभु, तुम्हारे ईश्वर ने तुम को उस देश में पहुँचा दिया होगा, जिसे तुम अपने अधिकार में लेने के लिए प्रवेश करने वाले हो और जब उसने तुम्हारे सामने से अनेक राष्ट्रों को -हित्तियों, गिर-गाशियों, अमोरियों, कनानियों, परिज़्ज़ियों, हिव्वियों और यबूसियों को- भगा दिया होगा – सात राष्ट्रों को, जो तुम से महान् और शक्तिशाली हैं;
2 जब प्रभु, तुम्हारे ईश्वर ने उन्हें तुम्हारे हवाले कर दिया होगा, जिससे तुमने उन्हें पराजित किया होगा, तब तुम उनका संहार करोगे। तुम न तो उनके साथ समझौता करोगे और न उन पर दया करोगे।
3 तुम न तो उन से विवाह करोगे, न अपनी पुत्री को उनके पुत्र को दोगे और न अपने पुत्र का विवाह उनकी पुत्री से करोगे;
4 क्योंकि वे तुम्हारे पुत्रों को मुझ से विमुख कर उन से पराये देवताओं की पूजा करवायेंगी। ऐसा होने पर तुम लोगों पर प्रभु का क्रोध भड़क उठेगा और वह शीघ्र ही तुम्हारा विनाश करेगा।
5 तुम उन राष्ट्रों के साथ यह व्यवहार करोगे – उनकी वेदियों को गिरा दोगे, उनके पवित्र स्मारकों को तोड़ डालोगे, उनके पूजा के स्तम्भों को काट दोगे और उनकी देवमूर्तियों को आग में जला दोगे।
6 तुम लोग अपने प्रभु – ईश्वर की पवित्र प्रजा हो। हमारे प्रभु – ईश्वर ने पृथ्वी भर के सब राष्ट्रों में से तुम्हें अपनी निजी प्रजा चुना है।
7 “प्रभु ने तुम्हें इसलिए नहीं अपनाया और चुना है कि तुम्हारी संख्या दूसरे राष्ट्रों से अधिक थी – तुम्हारी संख्या तो सब राष्ट्रों से कम थी।
8 प्रभु ने तुम्हें प्यार किया और तुम्हारे पूर्वजों को दी गयी शपथ को पूरा किया, इसलिए प्रभु ने तुम्हें अपने भुज-बल से निकाला और दासता के घर से, मिस्र देश के राजा फ़िराउन के हाथ से छुड़ाया है।
9 इसलिए याद रखो कि तुम्हारा प्रभु – ईश्वर सच्चा और सत्यप्रतिज्ञ ईश्वर है। जो लोग उसे प्यार करते और उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, वह उनके लिए हज़ार पीढ़ियों तक अपनी प्रतिज्ञा और अपनी कृपा बनाये रखता है।
10 जो लोग उसका तिरस्कार करते हैं, वह उन्हें दण्ड देता और उनका विनाश करता है। जो व्यक्ति उसका तिरस्कार करता है, वह उस को दण्ड देने में देर नहीं करता।
11 इसलिए जो आदेश, नियम और विधि-निषेध मैं आज तुम्हारे सामने रख रहा हूँ, तुम लोग उनका पालन करो।
12 “यदि तुम इन विधि-निषेधों का ध्यान रखोगे और इनका सावधानी से पालन करोगे, तो प्रभु, तुम्हारा ईश्वर तुम्हारे लिए अपना विधान और अपनी सत्यप्रतिज्ञता बनाये रखेगा, जैसा उसने तुम्हारे पूर्वजों को शपथपूर्वक वचन दिया था।
13 वह तुम से प्रेम करेगा, तुम्हें आशीर्वाद देगा और तुम्हारी संख्या बढ़ायेगा। वह उस देश में, जिसे उसने तुम्हारे पूर्वजों को देने का शपथपूर्वक वचन दिया था, तुम्हारी सन्तति, तुम्हारी भूमि की उपज – तुम्हारे अनाज, तुम्हारी नयी अंगूरी और तुम्हारे तेल – तुम्हारे मवेशी के बछड़ों और तुम्हारी भेड़-बकरियों के मेमनों को आशीर्वाद प्रदान करता रहेगा।
14 तुम को अन्य सभी जातियों की अपेक्षा अधिक आशीर्वाद मिलेगा। तुम में कोई पुरुष या स्त्री अथवा तुम्हारे पशुओं में कोई नर या मादा निस्सन्तान नहीं होगा।
15 प्रभु तुम से सब प्रकार की बीमारियों को दूर रखेगा और तुम पर वे भयानक महामारियाँ नहीं आने देगा, जिनका अनुभव तुमने मिस्र में किया। वह उन्हें उन लोगों पर ढाहेगा, जो तुम से घृणा करते हैं।
16 “तुम उन सब जातियों का विनाश करोगे, जिन्हें प्रभु, तुम्हारा ईश्वर तुम्हारे हाथ सौंप देगा तुम न उन पर दया करोगे और न उनके देवताओं की पूजा करोगे। नहीं तो वे तुम्हारे लिए फन्दा बन जायेंगे।
17 “सम्भव है, तुम अपने मन में सोचो कि ये जातियाँ तुम से बड़ी हैं, तुम इन्हें भगा कैसे सकोगे।
18 पर तुम उन से नहीं डरो। याद रखो कि प्रभु, तुम्हारे ईश्वर ने फ़िराउन और सारे मिस्र देश के साथ क्या-क्या नहीं किया था।
19 उन बड़े-बड़े कष्टों को याद करो, जिन्हें तुमने अपनी आँखों से देखा था; उन चिन्हों और उन चमत्कारों को, उस बाहुबल और सामर्थ्य को, जिनके द्वारा प्रभु, तुम्हारा ईश्वर तुम्हें वहाँ से निकाल लाया था। प्रभु, तुम्हारा ईश्वर उन सब जातियों के साथ ठीक वही करेगा, जिन से तुम डर रहे हो।
20 इसके सिवा प्रभु, तुम्हारा ईश्वर उनके बीच बर्रे भेजेगा, जिससे पराजय के बाद तुम से छिपने वाले भी नष्ट हो जायेंगे।
21 उन से नहीं डरो; क्योंकि प्रभु, तुम्हारा ईश्वर, वह महान् और भीषण ईश्वर तुम्हारे ही साथ है।
22 प्रभु, तुम्हारा ईश्वर उन जातियों को धीरे-धीरे तुम्हारे सामने से भगा देगा। तुम उन्हें अचानक नष्ट नहीं कर पाओगे। नहीं तो तुम्हारे चारों ओर जंगली पशुओं की संख्या बढ़ जायेगी।
23 किन्तु प्रभु तुम्हारा ईश्वर उन्हें तुम्हारे हाथ दे देगा और जब तक उनका सर्वनाश नहीं हो जायेगा, उन्हें भयभीत करता रहेगा।
24 वह उनके राजाओं को भी तुम्हारे हवाले कर देगा, जिससे तुम पृथ्वी पर से उनका नाम तक मिटा दोगे। जब तक तुम उनका विनाश न कर चुकोगे, तब तक तुम्हारे सामने कोई भी नहीं टिक सकेगा।
25 “तुम उनकी देवमूर्तियों को आग में जला दोगे। उन पर जो सोना-चाँदी मढ़ी है, उसका लालच मत करो और उसे अपने लिए मत रखो। नहीं तो वह तुम्हारे लिए फन्दा बन जायेगी; क्योंकि वह तुम्हारे प्रभु-ईश्वर की दृष्टि में घृणित है।
26 ऐसी घृणित वस्तुएँ अपने घर में नहीं रखोगे। नहीं तो तुम भी उनकी तरह नष्ट हो जाओगे। तुम उन से घोर घृणा करोगे, क्योंकि उनका सर्वनाश सुनिश्चित है।