एज़ेकिएल का ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • 37 • 38 • 39 • 40 • 41 • 42 • 43 • 44 • 45 • 46 • 47 • 48 • पवित्र बाईबल
अध्याय 37
1 प्रभु का हाथ मुझ पर पड़ा और प्रभु के आत्मा ने मुझे ले जा कर एक घाटी में उतार दिया, जो हड्डियों से भरी हुई थी।
2 उसने मुझे उनके बीच चारों ओर घुमाया। वे हाड्डियाँ बड़ी संख्या में घाटी के धरातल पर पड़ी हुई थीं और एकदम सूख गयी थीं।
3 उसने मुझ से कहा, “मानवपुत्र! क्या इन हाड्डियों में फिर जीवन आ सकता है?” मैंने उत्तर दिया, “प्रभु-ईश्वर! तू ही जानता है”।
4 इस पर उसने मुझ से कहा, “इन हाड्डियों से भवियवाणी करो। इन से यह कहो, ’सूखी’ हड्डियो! प्रभु की वाणी सुनो।
5 प्रभु-ईश्वर इन हड्डियों से यह कहता है: मैं तुम में प्राण डालूँगा और तुम जीवित हो जाओगी।
6 मैं तुम पर स्नायुएँ लगाऊँगा तुम में मांस भरूँगा, तुम पर चमड़ा चढाऊँगा। तुम में प्राण डालूँगा, तुम जीवित हो जाओगी और तुम जानोगी कि मैं प्रभु हूँ।”
7 मैं उसके आदेश के अनुसार भवियवाणी करने लगा। मैं भवियवाणी कर ही रहा था कि एक खडखडाती आवाज सुनाई पडी और वे हाड्डिया एक दूसरी से जुडने लगीं।
8 मैं देख रहा था कि उन पर स्नायुएँ लगीं; उन में मांस भर गया, उन पर चमड़ा चढ गया, किंतु उन में प्राण नहीं थे।
9 उसने मुझ से कहा, “मानवपुत्र! प्राणवायु को सम्बोधिक कर भवियवाणी करो। यह कह कर भवियवाणी करो: ’प्रभु-ईश्वर यह कहता है। प्राणवायु! चारों दिशाओं में आओ और उन मृतकों में प्राण फूँक दो, जिससे उन में जीवन आ जाये।”
10 मैंने उसके आदेशानुसार भवियवाणी की और उन में प्राण आये। वे पुनर्जीवित हो कर अपने पैरों पर खड़ी हो गयी- वह एक विशाल बहुसंख्यक सेना थी।
11 तब उसने मुझ से कहा, “मानवपुत्र! ये हड्डियाँ समस्त इस्राएली हैं। वे कहते रहते हैं- ’हमारी हड्डियाँ सूख गयी हैं। हमारी आशा टूट गय है। हमारा सर्वनाश हो गया है।
12 तुम उन से कहोगे, ’प्रभु यह कहता है: मैं तुम्हारी कब्रों को खोल दूँगा। मेरी प्रजा! में तुम लोगों को कब्रों से निकाल का इस्राएल की धरती पर वापस ले जाऊँगा।
13 मेरी प्रजा! जब मैं तुम्हारी कब्रों को खोल कर तुम लोगों को उन में से निकालूँगा, तो तुम लोग जान जाओगे कि मैं ही प्रभु हूँ।
14 मैं तुम्हें अपना आत्मा प्रदान करूँगा और तुम में जीवन आ जायेगा। मैं तुम्हें तुम्हारी अपनी धरती पर बसाऊँगा और तुम लोग जान जाओगे कि मैं, प्रभु, ने यह कहा और पूरा भी किया’।”
15 प्रभु की वाणी मुझे यह कहते सुनाई पड़ी:
16 मानवपुत्र! एक तख्ता लो और उस पर लिखो; ’यूदा और उसके साथ रहने वाले इस्राएली’। एक दूसरा तख्ता लो और उस पर लिखो, ’यूसुफ-एफ्राईम का तख्ता-और उसके साथ रहने वाला इस्राएल का सारा घराना’।
17 तब दोनों को इस प्रकार जोड़ दो कि वे तुम्हारे हाथ में एक ही तख्ता बन जायें।
18 “जब तुम्हारे देशवासी तुम से यह पूछेंगे, ’हमें बताइए कि इस से आपका तात्पर्य क्या है’,
19 तो तुम उन्हें उत्तर दोगे: प्रभु-ईश्वर यह कहता है- मैं यूसुफ़ के तख्ते को जो एफ्राईम के हाथ में है- तथा उसके साथ रहने वाले इस्राएली वंशों को ले लूँगा और उन्हें यूदा के तख्ते से जाड़ दूँगा। मैं उन्हें एक ही तख्ता बना दूँगा और वे मेरे हाथ में एक हो जायेंगे।
20 उन दो तख्तों को, जिन पर तुमने लिखा है, लोगों के सामने अपने हाथ में लिये रहो
21 और उन से कहो: प्रभु-ईश्वर यह कहता है- मैं इस्राएलियों को उन राष्ट्रों में से इकट्ठा करूँगा, जहाँ वे चले गये हैं। मैं उन्हें चारों दिशाओं से इकट्ठा करूँगा और उन्हें उनकी निजी भूमि वापस ले जाऊँगा।
22 मैं अपने देश में तथा इस्राएल के पर्वतों पर उन्हें एक राष्ट्र बना दूँगा और एक ही राजा उन सब का राजा होगा। वे अब से न तो दो राष्ट्र होंगे और न दो राज्यों में विभाजित।
23 वे फिर घृणास्पद मूर्तिपूजा और अधर्म से अपने को दूषित नहीं करेंगे। उन्होंने मरे साथ कितनी बार विश्वासघात किया! फिर भी मैं उन सब पापों से उन्हें छुडाऊँगा और शुद्ध करूँगा वे मेरी प्रजा होंगे और मैं उनका ईश्वर होऊँगा।
24 मेरा सेवक दाऊद उनका राजा बनेगा आर उन सबों का एक ही चरवाहा होगा। वे मरे नियमों पर चलेंगे और मेरी आज्ञाओं को विधिवत् पालन करेंगे।
25 वे और उनके पुत्र-पौत्र सदा-सर्वदा अपने पूर्वजों के देश में निवास करेंगे, जिस मैंने अपने सेवक याकूब को दे दिया है। मेरा सेवक दाऊद सदा के लिए उनका राजा होगा।
26 मैं उनके लिए शांति का विधान निर्धारित करूँगा, एक ऐसा विधान, जो सदा बना रहेंगा। मैं उन्हें फिर बसाऊँगा, उनकी संख्या बढाऊँगा और उनके बीच सदा के लिए अपना मन्दिर बनाऊँगा।
27 मैं उनके बीच निवास करूँगा, मैं उनका ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
28 जब मेरा मंदिर सदा के लिए उनके बीच स्थापित होगा, तब सभी राष्ट्र यह जान जायेंगे कि मैं प्रभु हूँ, जो इस्राएल को पवित्र करता है।”