फरवरी 01, 2023 – सामान्य काल का चौथा सप्ताह, बुधवार
📒 पहला पाठ : इब्रानियों के नाम पत्र 12:4-7,11-15
4) अब तक आप को पाप से संघर्ष करने में अपना रक्त नहीं बहाना पड़ा।
5) क्या आप लोग धर्मग्रन्थ का यह उपदेश भूल गये हैं, जिस में आप को पुत्र कह कर सम्बोधित किया गया है? -मेरे पुत्र! प्रभु के अनुशासन की उपेक्षा मत करो और उसकी फटकार से हिम्मत मत हारो;
6) क्योंकि प्रभु जिसे प्यार करता है, उसे दण्ड देता है और जिसे पुत्र मानता है, उसे कोड़े लगाता है।
7) आप जो कष्ट सहते हैं, उसे पिता का दण्ड समझें, क्योंकि वह इसका प्रमाण है, कि ईश्वर आप को पुत्र समझ कर आपके साथ व्यवहार करता है। और कौन पुत्र ऐसा है, जिसे पिता दण्ड नहीं देता?
11) जब दण्ड मिल रहा है, तो वह सुखद नहीं, दुःखद प्रतीत होता है; किन्तु जो दण्ड द्वारा प्रशिक्षित होते हैं, वे बाद में धार्मिकता का शान्तिप्रद फल प्राप्त करते हैं।
12) इसलिए ढीले हाथों तथा शिथिल घुटनों को सबल बना लें।
13) और सीधे पथ पर आगे बढ़ते जायें, जिससे लंगड़ा भटके नहीं, बल्कि चंगा हो जाये।
14) सबों के साथ शान्ति बनाये रखें और पवित्रता की साधना करें। इसके बिना कोई ईश्वर के दर्शन नहीं कर पायेगा।
15) आप सावधान रहें- कोई ईश्वर की कृपा से वंचित न हो। ऐसा कोई कड़वा और हानिकर पौधा पनपने न पाये, जो समस्त समुदाय को दूषित कर दे।
📚 सुसमाचार : सन्त मारकुस का सुसमाचार 6:1-6
1) वहाँ से विदा हो कर ईसा अपने शिष्यों के साथ अपने नगर आये।
2) जब विश्राम-दिवस आया, तो वे सभागृह में शिक्षा देने लगे। बहुत-से लोग सुन रहे थे और अचम्भे में पड़ कर कहते थे, ’’यह सब इसे कहाँ से मिला? यह कौन-सा ज्ञान है, जो इसे दिया गया है? यह जो महान् चमत्कार दिखाता है, वे क्या हैं?
3) क्या यह वही बढ़ई नहीं है- मरियम का बेटा, याकूब, यूसुफ़, यूदस और सिमोन का भाई? क्या इसकी बहनें हमारे ही बीच नहीं रहती?’’ और वे ईसा में विश्वास नहीं कर सके।
4) ईसा ने उन से कहा, ’’अपने नगर, अपने कुटुम्ब और अपने घर में नबी का आदर नहीं होता’।
5) वे वहाँ कोई चमत्कार नहीं कर सके। उन्होंने केवल थोड़े-से रोगियों पर हाथ रख कर उन्हें अच्छा किया।
6) उन लोगों के अविश्वास पर ईसा को बड़ा आश्चर्य हुआ।