फरवरी 05, 2023 – सामान्य काल का पाँचवाँ इतवार
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📒 पहला पाठ : इसायाह 58:7-10
7) अपनी रोटी भूखों के साथ खाना, बेघर दरिद्रों को अपने यहाँ ठहराना। जो नंगा है, उसे कपड़े पहनाना और अपने भाई से मुँह नहीं मोड़ना।
8) तब तुम्हारी ज्योति उषा की तरह फूट निकलेगी और तुम्हारा घाव शीघ्र ही भर जायेगा। तुम्हारी धार्मिकता तुम्हारे आगे-आगे चलेगी और ईश्वर की महिमा तुम्हारे पीछे-पीछे आती रहेगी।
9) यदि तुम पुकारोगे, तो ईश्वर उत्तर देगा। यदि तुम दुहाई दोगे, तो वह कहेगा-‘देखो, मैं प्रस्तुत हूँ‘। यदि तुम अपने बीच से अत्याचार दूर करोगे, किसी पर अभियोग नहीं लगाओगे और किसी की निन्दा नहीं करोगे;
10) यदि तुम भूखों को अपनी रोटी खिलाओगे और पद्दलितों को तृप्त करोगे, तो अन्घकार में तुम्हारी ज्योति का उदय होगा और तुम्हारा अन्धकार दिन का प्रकाश बन जायेगा।
📕 दूसरा पाठ : 1 कुरिन्थियों 2:1-5
1) भाइयो! जब मैं ईश्वर का सन्देश सुनाने आप लोगों के यहाँ आया, तो मैंने शब्दाडम्बर अथवा पाण्डित्य का प्रदर्शन नहीं किया।
2) मैंने निश्चय किया था कि मैं आप लोगों से ईसा मसीह और क्रूस पर उनके मरण के अतिरिक्त किसी और विषय पर बात नहीं करूँगा।
3) वास्तव में मैं आप लोगों के बीच रहते समय दुर्बल, संकोची और भीरू था।
4) मेरे प्रवचन तथा मेरे संदेश में विद्वतापूर्ण शब्दों का आकर्षण नहीं, बल्कि आत्मा का सामर्थ्य था,
5) जिससे आप लोगों का विश्वास मानवीय प्रज्ञा पर नहीं, बल्कि ईश्वर के सामर्थ्य पर आधारित हो।
📙 सुसमाचार : मत्ती 5:13-16
(13) “तुम पृथ्वी के नमक हो। यदि नमक फीका पड़ जाये, तो वह किस से नमकीन किया जायेगा? वह किसी काम का नहीं रह जाता। वह बाहर फेंका और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाता है।
(14) “तुम संसार की ज्योति हो। पहाड़ पर बसा हुआ नगर छिप नहीं सकता।
(15) लोग दीपक जला कर पैमाने के नीचे नहीं, बल्कि दीवट पर रखते हैं, जहाँ से वह घर के सब लोगों को प्रकाश देता है।
(16) उसी प्रकार तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे, जिससे वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे स्वर्गिक पिता की महिमा करें।