उत्पत्ति ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • 37 • 38 • 39 • 40 • 41 • 42 • 43 • 44 • 45 • 46 • 47 • 48 • 49 • 50 • पवित्र बाईबल
अध्याय 16
1 अब्राम की पत्नी सारय के कोई सन्तान नहीं हुई थी। सारय की हागार नामक एक मिस्री दासी थी।
2 उसने अपने पति से कहा, ‘’आप देखते ही हैं कि प्रभु ने मुझे बाँझ बना दिया है। आप मेरी दासी के पास जाइए। हो सकता है कि उसके माध्यम से मुझे सन्तान मिल जाये’’ और अब्राम ने सारय की बात मान ली।
3 उस प्रकार जब अब्राम को कनान के देश में रहते दस वर्ष हो गये, तो उसकी पत्नी सारय अपनी मिस्री दासी हागार को ले कर आयी और
उसने उसे उपपत्नी के रूप में अपने पति अब्राम को दे दिया।
4 अब्राम का हागार से संसर्ग हुआ और वह गर्भवती हो गयी। जब उसे मालूम हुआ कि वह गर्भवती है, तो वह अपनी स्वामिनी का तिरस्कार करने लगी।
5 सारय ने अब्राम से कहा, ‘’मेरे साथ जो अन्याय हो रहा
है, उसके लिए आप उत्तरदायी है। मैंने आप को अपनी दासी को समर्पित कर दिया और जब से
उस को मालूम हो गया है कि वह गर्भवती है, वह मेरा तिरस्कार करने लगी है। प्रभु हम
दोनों का न्याय करें।‘’
6 अब्राम ने उत्तर दिया, ‘’अपनी दासी पर तुम्हारा पूरा अधिकार है। जैसी इच्छा हो, उसके साथ वैसा व्यवहार करो।‘’ उस समय से सारय हागार के साथ इतना दुर्व्यवहार
करने लगी कि वह घर छोड़ कर भाग गयI
7 प्रभु के दूत ने हागार को उजाड़ प्रदेश में, शूर के रास्ते पर किसी झरने के पास पाया।
8 और उस से कहा, ‘’सारय की दासी, हागार! तुम कहाँ से आयी और कहाँ जा
रही हो?’’ उसने उत्तर दिया, ‘’मैं अपनी स्वामिनी सारय के यहाँ से भाग आयी हूँ’’?
9 प्रभु के दूत ने उस से कहा, ‘’तुम अपनी स्वामिनी के पास लौट जाओ और उसका दुर्व्यवहार सहन करो’’।
10 प्रभु के दूत ने यह भी कहा, ‘’मैं तुम्हारे वंशजों की संख्या इतनी अधिक बढ़ाऊँगा
कि कोई भी उनकी गिनती नहीं कर पायेगा’’।
11 प्रभु के दूत ने उस से यह कहा, ‘’तुम गर्भवती हो और पुत्र प्रसव करोगी। तुम उसका नाम इसमाएल रखोगी, क्योंकि प्रभु ने तुम्हारे प्रति दुर्व्यवहार के विषय में सुना।
12 वह गोरखार-जैसा मनुष्य होगा, वह सब पर हाथ उठायेगा। वह अपने सब सम्बन्धियों का विरोध करेगा”।
13 जो प्रभु उस से बोला था, हागार ने उसका यह नाम रखा -”तू वही ईश्वर है, जो मुझे देखता है”; क्योंकि उसने कहा, ”अब मैंने उसी को देखा है, जो मुझे देखता है”।
14 इसलिए उस कुएँ का बएर-लह-रोई (मुझे देखने वाले जीवन्त ईश्वर का कुआँ) नाम पड़ा। वह कादेश और बेरेद के बीच है।
15 हागार से अब्राम को एक पुत्र हुआ और अब्राम ने उसका नाम इसमाएल रखा।
16 जब हागार से इसमाएल उत्पन्न हुआ, उस समय अब्राम की आयु छियासी वर्ष की थी।