होशेआ का ग्रन्थ
अध्याय: 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • पवित्र बाईबल
अध्याय 1
1 यूदा के राजा उज्जीया, योताम और हिजकीया तथा इस्राएल में राजा योआश के पुत्र यरोबआम के दिनों में बएरी के पुत्र होशेआ को प्रभु की वाणी सुनाई पड़ी।
2 जब प्रभु पहले-पहल होशेआ से बोला, उसने उस से यह कहा, “जाओ किसी वेश्या से विवाह कर जारज संतान पैदा करो, क्योंकि देश भी प्रभु को त्याग कर वेश्यावृत्ति कर रहा है”।
3 अतः उसने जा कर दिब्लाइम की पुत्री गोमेर से विवाह किया, जिसने गर्भवती हो कर पुत्र को जन्म दिया।
4 प्रभु ने उस से कहा, “उसका नाम यिज्रएल रखना: क्योंकि थोड़े समय के बाद मैं यिज्रएल के रक्तपात का येहू के घराने में बदला चुकाऊँगा और इस्राएल वंश की प्रभुसत्ता समाप्त कर दूँगा।
5 उसी दिन मैं यिज्रएल की घाटी में उसके धनुष को तोड डालूँगा।”
6 उसने फिर गर्भवती हो कर एक पुत्री को जन्म दिया। प्रभु ने होशेआ से कहा, “उसका नाम लो-रूहामाह रखना; क्योंकि मैं फिर कभी इस्राएल को प्रेम नहीं करूँगा, न उसे क्षमा करूँगा।
7 किन्तु मैं यूदा के घराने को प्रेम करूँगा और प्रभु-ईश्वर ही उसका उद्धार होगा, न ही धनुष, या तलवार, या युद्ध या घोडे या घुडसवार
8 लो-रूहामाह का दूध छुडाने के बाद गोमेर ने फिर गर्भवती हो कर पुत्र को जन्म दिया।
9 प्रभु ने कहा, “उसका नाम लोअम्मी रखना; क्योंकि अब तुम लोग मेरी प्रजा नहीं रहे और न मैं तुम्हारा रह गया”।
10 समुद्रतट के रेतकणों की तरह इस्राएली असंख्य बन जायेंगे, जिनका पारावार नहीं। और जहाँ कहा गया था, “तुम लोग मेरी प्रजा नहीं रहे”, वहाँ वे जीवन्त ईश्वर की संतान कहलायेंगे।
11 यूदा और इस्राएल के लोग मिल कर एक हो जायेंगे और अपना ही नेता चुनेंगें तथा वे देश-विदेश में फैल जायेंगे। यिज्रएल का वह दन तो महान् दिवस होगा।