इसायाह का ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • 37 • 38 • 39 • 40 • 41 • 42 • 43 • 44 • 45 • 46 • 47 • 48 • 49 • 50 • 51 • 52 • 53 • 54 • 55 • 56 • 57 • 58 • 59 • 60 • 61 • 62 • 63 • 64 • 65 • 66 • पवित्र बाईबल
अध्याय 12
1 उस दिन तुम यह कहोगे, “प्रभु! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ; क्योंकि तू मुझ पर क्रुद्व हुआ, किन्तु तेरा क्रोध शान्त हो गया और तू मुझे सान्त्वना देता है।
2 देखो, प्रभु मेरा उद्धरक है, वही मेरा भरोसा है। अब मैं नहीं डरता; क्योंकि प्रभु मेरा बल है और मेरे गीत का विषय। प्रभु ने मेरा उद्धार किया।“
3 तुम आनन्दित हो कर मुक्ति के स्रोत में जल भरोगे।
4 उस दिन तुम यह कहोगे, “प्रभु का धन्यवाद करो, उसका नाम घोषित करो। राष्ट्रों में उसके महान् कार्यों का बखान करो, उसके नाम की महिमा गाओ।
5 प्रभु की स्तुति करो, उसने चमत्कार दिखाये। पृथ्वी भर में उनका बखान करने जाओ।
6 सियोन की प्रजा! प्रफुल्लित हो कर आनन्द के गीत गाओ। तुम्हारे बीच रहने वाला एस्राएल का परमपावन ईश्वर महान् है।“