इसायाह का ग्रन्थ

अध्याय : 12345678910111213141516171819202122 •  2324252627282930313233343536373839404142434445464748495051525354555657585960616263646566 पवित्र बाईबल

अध्याय 17

1 दमिश्क के विषय में दिव्य वाणी। “दमिश्क अब नगर न रह कर खँडहरों का ढेर बन जायेगा।

2 उसके नगर सदा के लिए उजड़ जायेंगे। वहाँ भेड़-बकरियाँ चरेंगी और उन्हें कोई नहीं डरायेगा।

3 न एफ़्रईम में गढ़ रहेगा और न दमिश्क में राज्य। अराम के बचे हुए लोग इस्राएलियों पर अत्याचार नहीं करेंगे।” यह सर्वशक्तिमान् प्रभु की वाणी है।

4 उस दिन याकूब का वज़न घटने और उसका शरीर छीजने लगेगा।

5 जब लुनेरा फ़सल काट कर बालें बटोरता है, या जब एफ़्रईम की घाटी में कोई सिल्ला बीनता है,

6 तो कुछ बालें रह जाती हैं। जब लोग जैतून के वृक्षों से फल तोड़ते हैं, तो फुनगी में दो-तीन और डालियों में चार-पाँच फल रह जाते हैं। इस्राएल के साथ ऐसा ही होगा।” यह इस्राएल के ईश्वर की वाणी है।

7 उस दिन लोग अपने सृष्टिकर्ता की ओर अभिमुख हो जायेंगे और अपनी आँखों से इस्राएल के परमपावन ईश्वर की ओर देखेंगे।

8 वे न तो अपनी बनायी हुई वेदियों पर, न अशेरा-देवी के खूँटों पर और न धूप की वेदियों पर ध्यान देंगे।

9 उस दिन उनके क़िलाबन्द नगर, जिन्हें उन्होंने इस्राएलियों के डर से छोड़ दिया था, जंगलों और पहाड़ों की तरह उजड़े पड़े रहेंगे।

10 क्योंकि तुम लोगों ने अपने त्राणकर्ता ईश्वर को भुला दिया; तुम्हें अपनी चट्टान, अपने आश्रय का स्मरण नहीं रहा। तुमने सुन्दर बगीचे लगाये और देश-विदेश के बीज बोये।

11 रोपने के बाद उन्हें बढ़ने दो और दूसरे दिन उन में अंकुर फूटना देखो, किन्तु फसल के समय तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा; क्योंकि उन में चित्ती लग गयी होगी।

12 सुनो! समुद्र की उद्दाम लहरों की तरह बहुत-से राष्ट्रों का गर्जन! सुनो! प्रचण्ड जलधाराओं की तरह असंख्य जातियों का कोलाहल!

13 किन्तु ईश्वर की धमकी सुन कर सब-के-सब भाग जाते हैं – पवन द्वारा उड़ाये सूखे पत्तों की तरह, बवण्डर द्वारा छितरायी भूसी की तरह।

14 शाम को आतंक छा जाता है और पौ फटने से पहले वे नहीं रहे। यह हमारे घर उजाड़ने वालों की गति है, यह हमें लूटने वालों का भाग्य है।