इसायाह का ग्रन्थ

अध्याय : 12345678910111213141516171819202122 •  2324252627282930313233343536373839404142434445464748495051525354555657585960616263646566 पवित्र बाईबल

अध्याय 18

1 धिक्कार टिड्डियों के उस देश को, जो इथोपिया की नदियों के आसपास है,

2 जो पटेर की नावों पर नील नदी के मार्ग से दूतों को भेजता है! द्रुतगामी दूतो! लौट जाओ! उस राष्ट्र के पास जाओ, जिसके निवासी लम्बे और चिकनी चमड़ी वाले हैं, जिस से चारों ओर के लोग डरते हैं; उस शक्तिशाली और अत्याचारी राष्ट्र के पास, जिसके देश में अनेक नदियाँ बहती हैं।

3 पृथ्वी के सभी निवासियों! संसार भर के मनुष्यों! तुम पर्वत पर फहराया झण्ड़ा देखोगे, तुम तुरही की आवाज सुनोगे;

4 क्योंकि प्रभु ने मुझ से यह कहाः “मैं शान्तिपूर्वक अपना निवासस्थान देखता रहूँगा – ग्रीष्मकाल की चिलचिलाती धूप की तरह, फ़सल की गरमी के कुहरे की तरह“।

5 जब प्रस्फुटन के बाद अंगूर पकने लगेंगे, तो वह फ़सल से पहले कैंची से फैली हुई डालियाँ छाँटेगा।

6 वे सब पहाड़ी शिकारी पक्षियों और जंगली पशुओं के लिए छोड़ दी जायेंगी। शिकारी पक्षी वहाँ ग्रीष्मकाल बितायेंगे और जंगली पक्षी शीतकाल।

7 उस समय लम्बे और चिकनी चमड़ी के लोग, जिनसे चारों ओर के राष्ट्र डरते हैं, वह शक्तिशाली और अत्याचारी जाति, जिसके देश में अनेक नदियाँ बहती हैं, सर्वशक्तिमान् प्रभु के पास उपहार चढ़ाने आयेगी। वे उपहार सियोन पर्वत पर, सर्वशक्तिमान् प्रभु के नाम के स्थान पर चढ़ाये जायेंगे।