इसायाह का ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • 37 • 38 • 39 • 40 • 41 • 42 • 43 • 44 • 45 • 46 • 47 • 48 • 49 • 50 • 51 • 52 • 53 • 54 • 55 • 56 • 57 • 58 • 59 • 60 • 61 • 62 • 63 • 64 • 65 • 66 • पवित्र बाईबल
अध्याय 20
1 जिस वर्ष अस्सूर के राजा सरगोन के भेजे हुए प्रधान सेनापति ने अशदोद आ कर उस पर आक्रमण किया और उसे अपने अधिकार में किया,
2 उस समय प्रभु ने आमोस के पुत्र इसायाह को यह आदेश दिया: “अपनी कमर से टाट और अपने पैरों से जूते उतारो”। उसने ऐसा किया और वह नंगे बदन और नंगे पैर चलने लगा।
3 प्रभु ने कहा, “मेरा सेवक इसायाह तीन वर्ष नंगे बदन और नंगे पैर चलता रहा। यह एक चिह्न है कि मिस्र और कूश के निवासियों पर क्या बीतेगी:
4 अस्सूर का राजा उन सबों को बन्दी बना कर, युवकों और वृद्धों को नंगे बदन, नंगे पैर और नंगे चूतड़ ले जायेगा। यह मिस्र के लिए लज्जा की बात होगी।
5 जो लोग कूश का भरोसा करते थे और मिस्र पर गौरव करते थे, उन्हें हताश और लज्जित होना पड़ेगा।
6 उस दिन समुद्रतट के निवासी यह कहेंगे, “देखो, उन लोगों के साथ क्या हो रहा है, जिनका हम भरोसा करते थे और अस्सूर के राजा से मुक्ति पाने के लिए जिनकी शरण जाते थे! तो हम कैसे बचेंगे?“