इसायाह का ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • 37 • 38 • 39 • 40 • 41 • 42 • 43 • 44 • 45 • 46 • 47 • 48 • 49 • 50 • 51 • 52 • 53 • 54 • 55 • 56 • 57 • 58 • 59 • 60 • 61 • 62 • 63 • 64 • 65 • 66 • पवित्र बाईबल
अध्याय 4
1 उस दिन सात स्त्रियाँ एक पुरुष को पकड़ कर कहेंगी, “हम अपने भोजन और कपड़ों का प्रबन्ध करेंगी। बस, हमें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर हमारा कलंक दूर करो।“
2 उस दिन प्रभु का लगाया पौधा रमणीय और शोभायमान बन जायेगा और पृथ्वी की उपज बचे हुए इस्राएलियों का गोरव और वैभव होगी।
3 येरुसालेम में रहने वाली सियोन की बची हुई प्रजा और वे लोग, जिनके नाम जीवन-ग्रन्थ में लिखे हुए हैं – वे सब ‘सन्त’ कहलायेंगे।
4 प्रभु न्याय तथा विनाश का झंझावात भेज कर सियोन की पुत्रियों का कलंक दूर करेगा और येरुसालेम में बहाया हुआ रक्त धो डालेगा।
5 तब प्रभु समस्त सियोन पर्वत और उसके सब निवासियों पर दिन के समय बादल उत्पन्न करेगा और रात के समय देदीप्यमान अग्नि का प्रकाश। इस प्रकार समस्त पर्वत के ऊपर प्रभु की महिमा वितान की तरह फैली रहेगी।
6 वह दिन में गरमी से रक्षा के लिए छाया प्रदान करेगी और आँधी तथा वर्षा में आश्रय और शरण प्रदान करेगी।