इसायाह का ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • 37 • 38 • 39 • 40 • 41 • 42 • 43 • 44 • 45 • 46 • 47 • 48 • 49 • 50 • 51 • 52 • 53 • 54 • 55 • 56 • 57 • 58 • 59 • 60 • 61 • 62 • 63 • 64 • 65 • 66 • पवित्र बाईबल
अध्याय 47
1 “बाबुल की कुँवारी पुत्री! सिंहासन से उतर कर धूल में बैठ जा। खल्दैयियों की पुत्री! तू अपने सिंहासन से वंचित हो कर भूमि पर बैठ जा। लोग तुझे फिर कभी कोमला और सुकुमारी नहीं कहेंगे।
2 अपना घूँघट हटा कर चक्की से आटा पीसने जा। घाघरा उठा कर और जाँघ उघाड़ कर नदी पार कर।
3 तेरे वस्त्र उतर जायेंगे और लोग तुझे नंगी देखेंगे। मैं तुझ से बदला चुकाऊँगा और किसी की नहीं सुनूँगा।“
4 हमारा उद्धार करने वाले का नाम है- सर्वशक्तिमान् प्रभु, इस्राएल का परमपावन राजा।
5 “खल्दैयियों की पुत्री! मौन रह कर अन्धकार में बैठ। फिर तुझे कोई कभी ’राज्यों की सम्राज्ञी’ नहीं कहेगा।
6 मैं अपनी प्रजा पर क्रुद्ध था, मैंने अपनी विरासत को दूषित होने दिया; मैंने उसे तेरे हाथ दिया था, किन्तु तूने उन पर दया नहीं की, तूने बूढ़ों पर अपना बहुत भारी जूआ रख दिया।
7 तू कहती थी, ’मैं सदा-सर्वदा सम्राज्ञी बनी रहूँगी’। तूने अपने मन में उन बातों पर विचार नहीं किया और यह नहीं सोचा कि उनका परिणाम क्या होगा।
8 “भोग-विालस में निश्चिन्त जीवन बिताने वाली! तू मन-ही-मन कहती थी: ’मैं ही हूँ, मेरे सिवा कोई नहीं; मैं कभी विधवा नहीं होऊँगी, मैं कभी सन्तान से वंचित नहीं होऊँगी।’ अब मेरी बात सुनः
9 तेरे बहुसंख्यक तन्त्र-मन्त्रों और तेरे जादू-टोने की भरमार के बावजूद, वे दोनों विपत्तियाँ तुझ पर एक ही दिन टूट पड़ेंगी- सन्तानहीनता और विधवापन!
10 “तू अपनी दुष्टता में अपने को सुरक्षित समझ कर कहती थी, ’मुझे कोई नहीं देखता।’ तेरी ही बुद्धि और तेरी ही विद्या ने तुझे बहका दिया। तू मन-ही-मन कहती थी, ’मैं ही हूँ, मेरे सिवा कोई नहीं’।
11 तुझ पर एक ऐसा संकट आयेगा, जिसे दूर करने का मन्त्र तू नहीं जानती। तुझ पर एक ऐसी विपत्ति टूट पड़ेगी, जिस से तू अपनी रक्षा नहीं कर सकेगी। तुझ पर एक ऐसे विनाश का पहाड़ अचानक टूटेगा, जिसकी तू कल्पना नहीं कर सकती।
12 तन्त्र-मन्त्र और जादू-टोना करती जा, जिसकी साधना तू बचपन से करती आ रही है। हो सकता हैं, उस से तुझे कुछ लाभ हो और तू विपत्ति टाल सके।
13 तू असंख्य परामर्शदाताओं से पूछते-पूछते थक गयी है। वे ज्योतिषी और शकुन विचारने वाले अब आ कर तेरी रक्षा करे, जो प्रत्येक अमावस को तुझे बताते हैं कि तुझ पर क्या-क्या बीतेगी।
14 वे भूसी-जैसे हैं: उन्हें एक ऐसी आग भस्म कर देगी, जिसकी ज्वाला से वे अपनी ही रक्षा नहीं कर सकेंगे। वह आग तापने की लकड़ी नहीं है; उस आग के पास कोई नहीं बैठ सकेगा।
15 जिन जादू-टोना वालों के पीछे तू दौड़ती रही, जो बचपन से तेरा शोषण करते हैं, वे सब-के-सब स्वयं भटकते रहेंगे और तेरा उद्धार कोई नहीं करेगा।