10 जनवरी 2023
सामान्य काल का पहला सप्ताह, मंगलवार
📒 पहला पाठ : इब्रानियो 2:5-12
5) ईश्वर ने उस भावी संसार को, जिसकी चर्चा हम कर रहे हैं, स्वर्गदूतों के अधीन नहीं किया है।
6) इसके सम्बन्ध में कोई धर्मग्रन्थ में यह साक्ष्य देता है- मनुष्य क्या है, जो तू उसकी सुधि ले? मनुष्य का पुत्र क्या है, जो तू उसकी देखभाल करे?
7) तूने उसे स्वर्गदूतों से कुछ ही छोटा बनाया और उसे महिमा तथा सम्मान का मुकुट पहनाया।
8) तूने सब कुछ उसके पैरों तले डाल दिया। जब ईश्वर ने सब कुछ उसके अधीन कर दिया, तो उसने कुछ भी ऐसा नहीं छोड़ा, जो उसके अधीन न हो। वास्तव में हम अब तक यह नहीं देखते कि सब कुछ उसके अधीन है।
9) परन्तु हम यह देखते हैं कि मृत्यु की यन्त्रणा सहने के कारण ईसा को महिमा और सम्मान का मुकुट पहनाया गया है। वह स्वर्गदूतों से कुछ ही छोटे बनाये गये थे, जिससे वह ईश्वर की कृपा से प्रत्येक मनुष्य के लिए मर जायें।
10) ईश्वर, जिसके कारण और जिसके द्वारा सब कुछ होता है, बहुत-से पुत्रों को महिमा तक ले जाना चाहता था। इसलिए यह उचित था कि वह उन सबों की मुक्ति के प्रवर्तक हो, अर्थात् ईसा को दुःखभोग द्वारा पूर्णता तक पहुँचा दे।
11) जो पवित्र करता है और जो पवित्र किये जाते हैं, उन सबों का पिता एक ही है; इसलिए ईसा को उन्हें अपने भाई मानने में लज्जा नहीं होती और वह कहते हैं –
12) मैं अपने भाइयों के सामने तेरे नाम का ब़खान करूँगा, मैं सभाओं में तेरा गुणगान करूँगा।
📚 सुसमाचार : मारकुस 1:21-28
21) वे कफ़नाहूम आये। जब विश्राम दिवस आया, तो ईसा सभागृह गये और शिक्षा देते रहे।
22) लोग उनकी शिक्षा सुनकर अचम्भे में पड़ जाते थे; क्योंकि वे शास्त्रियों की तरह नहीं, बल्कि अधिकार के साथ शिक्षा देते थे।
23) सभागृह में एक मनुष्य था, जो अशुद्ध आत्मा के वश में था। वह ऊँचे स्वर से चिल्लाया,
24) “ईसा नाज़री! हम से आप को क्या? क्या आप हमारा सर्वनाश करने आये हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं- ईश्वर के भेजे हुए परमपावन पुरुष।”
25) ईसा ने यह कहते हुए उसे डाँटा, “चुप रह! इस मनुष्य से बाहर निकल जा”।
26) अपदूत उस मनुष्य को झकझोर कर ऊँचे स्वर से चिल्लाते हुए उस से निकल गया।
27) सब चकित रह गये और आपस में कहते रहे, “यह क्या है? यह तो नये प्रकार की शिक्षा है। वे अधिकार के साथ बोलते हैं। वे अशुद्ध आत्माओं को भी आदेश देते हैं और वे उनकी आज्ञा मानते हैं।”
28) ईसा की चर्चा शीघ्र ही गलीलिया प्रान्त के कोने-कोने में फैल गयी।