20 जनवरी 2023, सामान्य काल का दूसरा सप्ताह, शुक्रवार

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📒 पहला पाठ : इब्रानियो 8:6-13

6) अब, जो धर्मसेवा मसीह को मिली है, वह कहीं अधिक ऊँची है; क्योंकि वे एक ऐसे विधान के मध्यस्थ हैं; जो श्रेष्ठतर है और श्रेष्ठतर प्रतिज्ञाओं पर आधारित हैं।

7) यदि पहला विधान परिपूर्ण होता, तो उसके स्थान पर दूसरे की क्या आवश्यकता थी?

8) ईश्वर उन लागों की निन्दा करते हुए कहता है- प्रभु यह कहता हैः वे दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राएल के घराने के लिए और यूदा के घराने के लिए एक नया विधान निर्धारित करूँगा।

9) यह उस विधान की तरह नहीं होगा, जिसे मैंने उनके पूर्वजों के लिए उस समय निर्धारित किया था, जब मैंने उन्हें मिस्र से निकालने के लिए उनके हाथ थामे थे।

10) प्रभु यह कहता है: उन्होंने मेरे विधान का पालन नहीं किया, इसलिए मैंने भी उनकी सुध नहीं ली। प्रभु यह कहता है: वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए यह विधान निर्धारित करूँगा – मैं अपने नियम उनके मन में रख दूँगा, मैं उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे।

11) इसकी ज़रूरत नहीं रहेगी कि वे एक दूसरे को शिक्षा दें और अपने भाइयों से कहें, ’प्रभु का ज्ञान प्राप्त कीजिए’; क्योंकि छोटे और बड़े, सब-के-सब मुझे जानेंगे।

12) मैं उनके अपराध क्षमा कर दूँगा और उनके पापों को याद भी नहीं रखूँगा।

13) ईश्वर इस विधान को ’नया’ कह कर पुकारता है, इसलिए उसने पहला विधान रद्द कर दिया है। जो पुराना और जराग्रस्त हो गया है, वह लुप्त होने को है।

📚 सुसमाचार : मारकुस 3:13-19

13) ईसा पहाड़ी पर चढ़े। वे जिन को चाहते थे, उन को उन्होंने अपने पास बुला लिया। वे उनके पास आये

14 (14-15) और ईसा ने उन में से बारह को नियुक्त किया, जिससे वे लोग उनके साथ रहें और वह उन्हें अपदूतों को निकालने का अधिकार दे कर सुसमाचार का प्रचार करने भेज सकें।

16) ईसा ने इन बारहों को नियुक्त किया- सिमोन को, जिसका नाम उन्होंने पेत्रुस रखा;

17) ज़ेबेदी के पुत्र याकूब और उसके भाई योहन को, जिनका नाम उन्होंने बोआनेर्गेस अर्थात् गर्जन के पुत्र रखा;

18) अन्दे्रयस, फिलिप, बरथोलोमी, मत्ती, थोमस, अलफ़ाई के पुत्र याकूब, थद्देयुस और सिमोन को, जो उत्साही कहलाता है;

19) और यदूस इसकारियोती को, जिसने ईसा को पकड़वाया।