अय्यूब(योब) का ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920 21222324252627282930313233343536373839404142 पवित्र बाइबल

अध्याय 5

1 पुकारो! किन्तु तुम को उत्तर नहीं मिलेगा। तुम सन्तों में से किसकी दुहाई दोगे?

2 द्वेष ही मूर्ख की जान लेता है। ईर्ष्या ही नासमझ को मारती है।

3 मैंने मूर्ख को जड़ पकड़ते देखा है, किन्तु उसके घर पर अचानक अभिशाप पड़ा।

4 उसके पुत्र सुरक्षित नहीं रहते और सहारे के अभाव में कचहरी में कुचले जाते हैं।

5 भूखा उसकी फ़सल खा जाता है, बल्कि काँटों की बाड़ में से उसे निकालता है। प्यासा उसकी सम्पत्ति के लिए मचल जाता है;

6 क्योंकि विपत्ति मिट्टी में से नहीं उगती और दुःख भूमि से उत्पन्न नहीं होता।

7 जिस तरह चिनगारियाँ ऊपर उड़ती हैं, उसी तरह मनुष्य दुःख के लिए जन्म लेता है।

8 यदि मैं होता, तो मैं ईश्वर की दुहाई देता और अपना मामला उसके सामने पेश करता।

9 वह अबोधगम्य महान् कार्य करता और असंख्य चमत्कार दिखाता है।

10 वह पृथ्वी पर पानी बरसाता और खेतों को सींचता है।

11 वह दीनों को ऊपर उठाता और दुःखियों को सुख-शान्ति देता है।

12 वह धूर्ताें के षड्यंत्र व्यर्थ करता है, जिससे उन्हें सफलता नहीं मिलती।

13 वह चतुरों को उनकी चतुराई में फँसाता और कपटियों की योजनाएंँ मिटा देता है।

14 अन्धकार उन्हें दिन में ही घेर लेता है और वे दोपहर को रात की तरह टटोलते-फिरते हैं।

15 उसने दरिद्र को उनकी तलवार, उनके दाँतों, उनके चंगुल से बचा लिया है।

16 इस प्रकार निर्बल आशा नहीं छोड़ता और अन्याय का मुँह बन्द हो जाता है।

17 धन्य वह मनुष्य, जिसे ईश्वर सुधारता है! इसलिए तुम सर्वशक्तिमान् के अनुशासन की उपेक्षा मत करो;

18 क्योंकि वह घायल करने के बाद पट्टी बाँधता हैं। उसके हाथ मारते भी हैंऔर चंगा भी करते हैं।

19 वह छः विपत्तियों से तुम्हारी रक्षा करेगा और सातवीं तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचायेगी।

20 वह अकाल में तुम को मृत्यु से बचायेगा और युद्ध में तलवार के आघात से।

21 तुम जीभ के कीड़े से सुरक्षित होगे और आने वाली विपत्तियों से नहीं डरोगे।

22 तुम विनाश और अकाल का उपहास करोगे; तुम्हें पृृथ्वी के पशुओं से भय नहीं होगा।

23 खेत के पत्थरों से तुम्हारी सन्धि होगी और जंगल के बनैले पशु तुम से मेल रखेंगे।

24 तुम देखोगे कि तुम्हारे तम्बू में शान्ति है; अपने पशुओं की गिनती करने पर तुम्हें एक भी कम नहीं मिलेगा।

25 तुम देखोगे कि तुम्हारी सन्तति बहुसंख्यक होगी, तुम्हारे वंशज पृथ्वी की घास की तरह होंगे।

26 जिस तरह फ़सल के समय पूले बखार में रखे जाते हैं, उसी तरह तुम्हें अच्छी पकी उमर में क़ब्र में दफ़नाया जायेगा।

27 हमने इन बातों की जाँच की हैः यही सच है। इन बातों पर ध्यान दो और लाभ उठाओ।