पहला पाठ : होशेआ का ग्रन्थ 14:2-10
2) इस्राएल! अपने प्रभु-ईश्वर के पास लौट आओ, क्योंकि तुम अपने पापों के कारण गिर गये हो।
3) प्रार्थना का चढावा ले कर प्रभु के पास आओ और उस से यह कहो, ’’हमारा अपराध मिटा दे और हमारा सद्भाव ग्रहरण कर। हम तुझे बलिपशुओं के स्थान पर यह निवेदन चढाते हैं।
4) अस्सूर हमें बचाने में असमर्थ है। हम फिर कभी अपने घोडों पर भरोस नहीं रखेंगे और अपने हाथों की बनायी हुई मुर्ति से नहीं कहेंगे- तू हमारा ईश्वर है। प्रभु! तू ही अनाथ पर दया करता है।’’
5) मैं उनके विश्वासघात का घाव भर दूँगा। मैं सारे हृदय से उन को प्यार करूँगा; क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से दूर हो गया है।
6) मैं इस्राएल के लिए ओस के सदृश बन जाऊँगा। वह सोसन की तरह खिलेगा और लेबानोन के बालूत की तरह जडे जमायेगा।
7) उसकी टहानियाँ फैलेंगी, उसकी शोभा जैतून के सदृश होगी और उसकी सुगन्ध लेबानोन के सदृश।
8) इस्राएली फिर मेरी छत्रछाया में निवास करेंगे और बहुत-सा अनाज उगायेंगे। वे दाखबारी की तरह फलेंगे-फूलेंगे और लेबानोन की अंगूरी की तरह प्रसिद्ध हो जायेंगे।
9) अब एफ्राईम को देवमूर्तियों से क्या? मैं ही उसकी सुनता और उसकी सुध लेता हूँ। मैं सदाबाहर सनोबर के सदृश हूँ- मुझ से ही उसे फल मिलते हैं।
10) जो समझदार है, वह इन बातों पर विचार करे। जो बुद्धिमान है, वह इन्हें अच्छी तरह जान ले। प्रभु के मार्ग सीधे हैं- धर्मी उन पर चलते हैं, किन्तु पापी उन पर ठोकर खा कर गिर जाते हैं।
सुसमाचार : सन्त मत्ती का सुसमाचार 10:16-23
16) ’’देखो, मैं तुम्हें भेडि़यों के बीच भेड़ों क़ी तरह भेजता हूँ। इसलिए साँप की तरह चतुर और कपोत की तरह निष्कपट बनो।
17) ’’मनुष्यों से सावधान रहो। वे तुम्हें अदालतों के हवाले करदेंगे और अपने सभागृहों में तुम्हें कोडे़ लगायेंगे।
18) तुम मेरे कारण शासकों और राजाओं के सामने पेश किये जाओगे, जिससे मेरे विषय में तुम उन्हें और गै़र-यहूदियों को साक्ष्य दे सको।
19) ’’जब वे तुम्हें अदालत के हवाले कर रहे हों, तो यह चिन्ता नहीं करोगे कि हम कैसे बोलेंगे और क्या कहेंगे। समय आने पर तुम्हें बोलने को शब्द दिये जायेंगे,
20) क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो, बल्कि पिता का आत्मा है, जो तुम्हारे द्वारा बोलता है।
21) भाई अपने भाई को मृत्यु के हवाले कर देगा और पिता अपने पुत्र को। संतान अपने माता पिता के विरुद्ध उठ खड़ी होगी और उन्हें मरवा डालेगी।
22) मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे, किन्तु जो अन्त तक धीर बना रहेगा, उसे मुक्ति मिलेगी।
23) ’’यदि वे तुम्हें एक नगर से निकाल देते हैं, तो दूसरे नगर भाग जाओ। मैं तुम से कहता हूँ तुम इस्रालय के नगरों का चक्कर पूरा भी नहीं कर पाओगे कि मानव पुत्र आ जायेगा।