जुलाई 09 , 2023, रविवार

वर्ष का चौदहवाँ सामान्य सप्ताह, रविवार

📒 पहला पाठ : ज़कारिया 9:9-10

9) सियोन की पुत्री! आनन्द मना! येरुसालेम की पुत्री! जयकार कर! देख! तेरे राजा तेरे पास आ रहे हैं। वह न्यायी और विजयी हैं। वह विनम्र हैं। वह गदहे पर, बछेडे पर, गदही के बच्चे पर सवार हैं।

10) वह एफ्राईम से रथ दूर कर देंगें और येरुसालेम से युद्ध के घोड़ों को। योद्धा के धनुष का बहिष्कार कर दिया जायेगा। वह राष्ट्रों के लिए शान्ति घोषित करेंगे। उनका शासन समुद्र से समुद्र तक और नदी से पृथ्वी के सीमान्तों तक फैल जायेगा।

📒 दूसरा पाठ : रोमियों 8:9,11-13

9) यदि ईश्वर का आत्मा सचमुच आप लोगों में निवास करता है, तो आप शरीर की वासनाओं से नहीं, बल्कि आत्मा से संचालित हैं। जिस मनुष्य में मसीह का आत्मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं।

11) जिसने ईसा को मृतकों में से जिलाया, यदि उनका आत्मा आप लोगों में निवास करता है, तो जिसने ईसा मसीह को मृतकों में से जिलाया वह अपने आत्मा द्वारा, जो आप में निवास करता है, आपके नश्वर शरीरों को भी जीवन प्रदान करेगा।

12) इसलिए, भाइयो! शरीर की वासनओं का हम पर कोई अधिकर नहीं। हम उनके अधीन रह कर जीवन नहीं बितायें।

13) यदि आप शरीर की वासनाओं के अधीन रह कर जीवन बितायेंगे, तो अवश्य मर जायेंगे।

📒 सुसमाचार : मत्ती 11:25-30

25) उस समय ईसा ने कहा, ’’पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ; क्योंकि तूने इन सब बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा कर निरे बच्चों पर प्रकट किया है।

26) हाँ, पिता! यही तुझे अच्छा लगा।

27) मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है। पिता को छोड़ कर कोई भी पुत्र को नहीं जानता। इसी तरह पिता को कोई भी नहीं जानता, केवल पुत्र जानता है और वही, जिस पर पुत्र उसे प्रकट करने की कृपा करे।

28) ’’थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगो! तुम सभी मेरे पास आओ। मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।

29) मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो और मुझ से सीखो। मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ। इस तरह तुम अपनी आत्मा के लिए शान्ति पाओगे,

30) क्योंकि मेरा जूआ सहज है और मेरा बोझ हल्का।’’