जून 04, 2023, इतवार
पवित्र त्रित्व का महापर्व
📒 पहला पाठ: निर्गमन 34:4-6, 8-9
4) मूसा, प्रभु की आज्ञानुसार, पत्थर की वह दो पाटियाँ हाथ में लिये बहुत सबेरे सीनई पर्वत पर चढ़ा।
5) प्रभु बादल के रूप में उतर कर उसके पास आया और अपना “प्रभु” नाम प्रकट किया।
6) प्रभु ने उसके सामने से निकल कर कहा, ”प्रभुः प्रभु एक करूणामय तथ कृपालु ईश्वर है। वह देर से क्रोध करता और अनुकम्पा तथा सत्यप्रतिज्ञता का धनी है।
9) और कहा, ”प्रभु; यदि मुझ पर तेरी कृपादृष्टि है, तो मेरा प्रभु हमारे साथ चले। ये लोग हठधर्मी तो हैं, किन्तु तू हमारे अपराध तथा पाप क्षमा कर दे और हमें अपनी निजी प्रजा बना ले।”
📕 दूसरा पाठ : 2कुरिन्थियों 13:11-13
11) भाइयो, अलविदा! आप पूर्ण बनें, हमारा उपदेश हृदयंगम करें, एकमत रहें, शान्ति बनाये रखें, और प्रेम तथा शान्ति का ईश्वर आपके साथ होगा।
12) शान्ति के चुम्बन से एक दूसरे का अभिवादन करें। सब ईश्वर-भक्त आप लोगों को नमस्कार कहते हैं।
13) प्रभु ईसा मसीह का अनुग्रह, ईश्वर का प्रेम तथा पवित्र आत्मा की सहभागिता आप सब को प्राप्त हो!
📙 सुसमाचार : योहन 3:16-18
16) ईश्वर ने संसार को इतना प्यार किया कि उसने इसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो उस में विश्वास करता हे, उसका सर्वनाश न हो, बल्कि अनन्त जीवन प्राप्त करे।
17) ईश्वर ने अपने पुत्र को संसार में इसलिए नहीं भेजा कि वह संसार को दोषी ठहराये। उसने उसे इसलिए भेजा कि संसार उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करे।
18) जो पुत्र में विश्वास करता है, वह दोषी नहीं ठहराया जाता है। जो विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहराया जा चुका है; क्योंकि वह ईश्वर के एकलौते पुत्र के नाम में विश्वास नहीं करता।