जून 06, 2023, मंगलवार

सामान्य काल का नौवाँ सप्ताह

📒 पहला पाठ : टोबीत का ग्रन्थ 2:9-14

9) उस रात मैं उसे दफ़नाने के बाद लौट कर नहाया और आँगन की दीवार के पास लेट कर सो गया। गरमी के कारण मेरा चेहरा ढका नहीं था।

10) मुझे मालूम नहीं था कि दीवार पर गौरैयाँ रहती थीं। उनकी गरम बीट मेरी आँखों पर ंिगर पड़ी, जिससे मेरी आँखों में मोतियाबिन्द हो गया। मैं इलाज के लिए वैद्यों के पास गया, किन्तु उन्होंने मेरी आँखों पर जितना अधिक मरहम लगाया, मैं उतना ही कम देखने लगा और अन्त में मैं अन्धा हो गया। मैं चार वर्ष तक अन्धा रहा और सभी भाई मेरे कारण दुखी थे। जब तक अहीकार एलिमई नहीं गया, तब तक वह मेरी जीविका का प्रबन्ध करता रहा।

11) उस समय मेरी पत्नी अन्ना सिलाई-बुनाई का काम करती थी।

12) मालिक उसे पूरी मज़दूरी देते थे। ग्यारहवें महीने के सातवें दिन वह सिलाई का काम पूरा कर उसे मालिकों को देने गयी और उन्होंने मज़दूरी के सिवा बकरी का बच्चा दिया।

13) जब बच्चा घर आया और मिमियाने लगा, तो मैंने पत्नी से पूछा, “यह बच्चा कहाँ से आया? कहीं चोरी का तो नहीं है? इसे इसके मालिक को लौटा दो। हम चोरी की चीज़ नहीं खा सकते।”

14) उसने उत्तर दिया, “यह मुझे मज़दूरी के साथ बख़शीश में मिला है”। परन्तु मैंने उसका विश्वास नहीं किया और उसे उसके मालिक को लौटा देने को कहा। मुझे उसके इस काम से लज्जा हुई। किन्तु उसने मुझे यह उत्तर दिया, “कहाँ हैं तुम्हारे भिक्षादान? कहाँ है तुम्हारा धर्माचरण? अब पता चला कि तुम कितने पानी में हो!”

📙 सुसमाचार : सन्त मारकुस का सुसमाचार 12:13-17

13) उन्होंने ईसा के पास कुछ फरीसियों और हेरोदियों को भेजा, जिससे वे उन्हें उनकी अपनी बात के फन्दे में फँसाये।

14) वे आ कर उन से बोले, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सत्य बोलते हैं और किसी की परवाह नहीं करते। आप मुँह-देखी बात नहीं करते, बल्कि सच्चाई से ईश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। कैसर को कर देना उचित है या नहीं?”

15) हम दें या नहीं दें?” उनकी धूर्तता भाँप कर ईसा ने कहा, “मेरी परीक्षा क्यों लेते हो? एक दीनार ला कर मुझे दिखलाओ।”

16) वे दीनार लाये और ईसा ने उन से पूछा, “यह किसका चेहरा और किसका लेख है?” उन्होंने उत्तर दिया, “कैसर का”।

17) इस पर ईसा ने उन से कहा, “जो कैसर का है, उसे कैसर को दो और जो ईश्वर का है, उसे ईश्वर को”। यह सुन कर वे बड़े अचम्भे में पड़ गये।