मार्च 05, 2023, इतवार

चालीसा काल का दूसरा इतवार

📒 पहला पाठ : उत्पत्ति 12:1-4

1) प्रभु ने अब्राम से कहा, ”अपना देश, अपना कुटुम्ब और पिता का घर छोड़ दो और उस देश जाओ, जिसे मैं तुम्हें दिखाऊँगा।

2) मैं तुम्हारे द्वारा एक महान् राष्ट्र उत्पन्न करूँगा, तुम्हें आशीर्वाद दूँगा और तुम्हारा नाम इतना महान् बनाऊँगा कि वह कल्याण का स्रोत बन जायेगा – जो तुम्हें आशीर्वाद देते हैं, मैं उन्हें आशीर्वाद दूँगा।

3) जो तुम्हें शाप देते है, मैं उन्हें शाप दूँगा।

4) तुम्हारे द्वारा पृथ्वी भर के वंश आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।” तब अब्राम चला गया, जैसा कि प्रभु ने उस से कहा था और लोट उसके साथ गया। जब अब्राम हारान छोड़ कर चला गया, तो उसकी अवस्था पचहत्तर वर्ष की थी।

📕 दूसरा पाठ : 2तिमथी 1:8-10

8) तुम न तो हमारे प्रभु का साक्ष्य देने में लज्जा अनुभव करो और न मुझ से, जो उनके लिए बन्दी हूँ, बल्कि ईश्वर के सामर्थ्य पर भरोसा रख कर तुम मेरे साथ सुसमाचार के लिए कष्ट सहते रहो।

9) ईश्वर ने हमारा उद्धार किया और हमें पवित्र जीवन बिताने के लिए बुलाया। उसने हमारे किसी पुण्य के कारण नहीं, बल्कि अपने उद्देश्य तथा अपनी कृपा के कारण ही ऐसा किया। वह कृपा अनादिकाल से ईसा मसीह द्वारा हमें प्राप्त थी,

10) किन्तु अब वह हमारे मुक्तिदासा ईसा मसीह के आगमन से प्रकट हुई है। ईसा ने मृत्यु का विनाश किया और अपने सुसमाचार द्वारा अमर जीवन को आलोकित किया है।

📙 सुसमाचार : मत्ती 17:1-9

1) छः दिन बाद ईसा ने पेत्रुस, याकूब और उसके भाई योहन को अपने साथ ले लिया और वह उन्हें एक ऊँचे पहाड़ पर एकान्त में ले चले।

2) उनके सामने ही ईसा का रूपान्तरण हो गया। उनका मुखमण्डल सूर्य की तरह दमक उठा और उनके वस्त्र प्रकाश के समान उज्ज्वल हो गये।

3) शिष्यों को मूसा और एलियस उनके साथ बातचीत करते हुए दिखाई दिये।

4) तब पेत्रुस ने ईसा से कहा, “प्रभु! यहाँ होना हमारे लिए कितना अच्छा है! आप चाहें, तो मैं यहाँ तीन तम्बू खड़ा कर दूगाँ- एक आपके लिए, एक मूसा और एक एलियस के लिए।”

5) वह बोल ही रहा था कि उन पर एक चमकीला बादल छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ; इसकी सुनो।”

6) यह वाणी सुनकर वे मुँह के बल गिर पडे़ और बहुत डर गये।

7) तब ईसा ने पास आ कर उनका स्पर्श किया और कहा, “उठो, डरो मत”।

8) उन्होंने आँखें ऊपर उठायी, तो उन्हें ईसा के सिवा और कोई नहीं दिखाई पड़ा।

9) ईसा ने पहाड़ से उतरते समय उन्हें यह आदेश दिया, “जब तक मानव पुत्र मृतकों मे से न जी उठे, तब तक तुम लोग किसी से भी इस दर्शन की चरचा नहीं करोगे”।