संत मारकुस के अनुसार सुसमाचार
अध्याय: 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • पवित्र बाईबल
अध्याय 16
1 विश्राम-दिवस के बाद मरियम और सलोमी ने सुगन्धित द्रव्य खरीदा, ताकि जा कर ईसा के शरीर का विलोपन करें।
2 वे सप्ताह के प्रथम दिन बहुत सबेरे, सूर्योदय होते ही, कब्र पर पहुंचीं।
3 वे आपस में यह कह रही थीं, “कौन हमारे लिए कब्र के द्वार पर से पत्थर लुढ़का कर हटा देगा?”
4 किन्तु जब उन्होंनं आंखें ऊपर उठा कर देखा, तो पता चला कि वह पत्थर, जो बहुत बड़ा था, अलग लुढ़काया हुआ है।
5 वे कब्र में अन्दर गयीं और यह देख कर चकित-सी रह गयीं कि लम्बा श्वेत वस्त्र पहने एक नवयुवक दाहिने बैठा हुआ है।
6 उसने उन से कहा, “डरिए नहीं। आप लोग ईसा नाज़री को ढूँढ़ रहीं हैं, जो क्रूस पर चढ़ाये गये थे। वे जी उठे हैं- वे यहाँ नहीं हैं। देखिए, यही जगह है, जहाँ उन्होंने उन को रखा था।
7 जा कर उनके शिष्यों और पेत्रुस से कहिए कि वे आप लोगों से पहले गलीलिया जायेंगे। वहां आप लोग उनके दर्शन करेंगे, जैसा कि उन्होंने आप लोगों से कहा था।”
8 वे आश्चर्यचकित हो कर कांपती हुई कब्र से निकल कर भाग गयीं और उन्होंने डर के मारे किसी से कुछ नहीं कहा।
9 ईसा सप्ताह के प्रथम दिन प्रातः जी उठे। वे पहले मरियम मगदलेना को, जिस से उन्होंने सात अपदूतों को निकाला था, दिखाई दिये।
10 उसने जा कर उनके शोक मनाते और विलाप करते हुए अनुयायियों को यह समाचार सुनाया।
11 किन्तु जब उन्होंने यह सुना कि ईसा जीवित हैं और उसने उन्हें देखा है, तो उन्हें इस पर विश्वास नहीं हुआ।
12 इसके बाद ईसा दूसरे वेश में उन में दो को दिखाई दिये, जो पैदल देहात जा रहे थे।
13 उन्होंने लौट कर शेष शिष्यों को यह समाचार सुनाया, किन्तु शिष्यों को उन दोनों पर भी विश्वास नहीं हुआ।
14 बाद में ईसा ग्यारहों को उनके भोजन करते समय दिखाई दिये और उन्होंने उनके अविश्वास और उनकी हठधर्मी की निन्दा की; क्योंकि उन्होंने उन लागों पर विश्वास नहीं किया था, जिन्होंने ईसा को पुनर्जीवित देखा था।
15 इसके बाद ईसा ने उन से कहा, “संसार के कोने-कोने में जाकर सारी सृष्टि को सुसमाचार सुनाओ।
16 जो विश्वास करेगा और बपतिस्मा ग्रहण करेगा, उसे मुक्ति मिलेगी। जो विश्वास नहीं करेगा, वह दोषी ठहराया जायेगा।
17 विश्वास करने वाले ये चमत्कार दिखाया करेंगे। वे मेरा नाम ले कर अपदूतों को निकालेंगे, नवीन भाषाएँ बोलेंगे।
18 और साँपों को उठा लेंगे। यदि वे विष पियेंगे, तो उस से उन्हें कोई हानि नहीं होगी। वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और रोगी स्वस्थ हो जायेंगे।“
19 प्रभु ईसा अपने शिष्यों से बातें करने के बाद स्वर्ग में आरोहित कर लिये गये और ईश्वर के दाहिने विराजमान हो गये।
20 शिष्यों ने जा कर सर्वत्र सुसमाचार का प्रचार किया। प्रभु उनकी सहायता करते रहे और साथ-साथ घटित होने वाले चमत्कारों द्वारा उनकी शिक्षा को प्रमाणित करते रहे।