संत मत्ती के अनुसार सुसमाचार
अध्याय: 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • पवित्र बाईबल
अध्याय 2
1 ईसा का जन्म यहूदिया के बेथलेहेम में राजा हेरोद के समय हुआ था। इसके बाद ज्योतिषी पूर्व से येरुसालेम आये
2 और यह बोले, “यहूदियों के नवजात राजा कहाँ हैं? हमने उनका तारा उदित होते देखा। हम उन्हें दण्डवत् करने आये हैं।”
3 यह सुन कर राजा हेरोद और सारा येरुसालेम घबरा गया।
4 राजा ने सब महायाजकों और यहूदी जाति के शास्त्रियों की सभा बुला कर उन से पूछा, “मसीह कहाँ जन्म लेंगे?”
5 उन्होंने उत्तर दिया, “यहूदिया के बेथलेहेम में, क्योंकि नबी ने इसके विषय में यह लिखा है-
6 “बेथलेहेम, यूदा की भूमि! तू यूदा के प्रमुख नगरों में किसी से कम नहीं है; क्योंकि तुझ में एक नेता उत्पन्न होगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा बनेगा।”
7 हेरोद ने बाद में ज्योतिषियों को चुपके से बुलाया और उन से पूछताछ कर यह पता कर लिया कि वह तारा ठीक किस समय उन्हें दिखाई दिया था।
8 फिर उसने उन्हें बेथलेहेम भेजते हुए कहा, “जाइए, बालक का ठीक-ठीक पता लगाइए और उसे पाने पर मुझे खबर दीजिए, जिससे मैं भी जा कर उसे दण्डवत् करूँ”।
9 वे राजा की बात मान कर चल दिये। उन्होंने जिस तारे को उदित होते देखा था, वह उनके आगे-आगे चलता रहा, और जहाँ बालक था, उस जगह के ऊपर पहुँचने पर ठहर गया।
10 वे तारा देख कर बहुत आनन्दित हुए।
11 घर में प्रवेश कर उन्होंने बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा और उसे साष्टांग प्रणाम किया। फिर अपना-अपना सन्दूक खोल कर उन्होंने उसे सोना, लोबान और गन्धरस की भेंट चढ़ायी।
12 उन्हें स्वप्न में यह चेतावनी मिली कि वे हेरोद के पास नहीं लौटें, इसलिए वे दूसरे रास्ते से अपने देश चले गये।
13 उनके जाने के बाद प्रभु का दूत यूसुफ़ को स्वप्न में दिखाई दिया और यह बोला, “उठिए! बालक और उसकी माता को ले कर मिस्र देश भाग जाइए। जब तक मैं आप से न कहूँ, वहीं रहिए; क्योंकि हेरोद मरवा डालने के लिए बालक को ढूँढ़ने वाला है।”
14 यूसुफ़ उठा और उसी रात बालक और उसकी माता को ले कर मिस्र देश चल दिया।
15 वह हेरोद की मृत्यु तक वहीं रहा, जिससे नबी के मुख से प्रभु ने जो कहा था, वह पूरा हो जाये- मैंने मिस्र देश से अपने पुत्र को बुलाया।
16 हेरोद को यह देख कर बहुत क्रोध आया कि ज्योतिषियों ने मुझे धोखा दिया है। उसने प्यादों को भेजा और ज्योतिषियों से ज्ञात समय के अनुसार बेथलेहेम और आसपास के उन सभी बालकों को मरवा डाला, जो दो बरस के या और भी छोटे थे।
17 तब नबी येरेमियस का यह कथन पूरा हुआ-
18 रामा में रुदन और दारुण विलाप सुनाई दिया, राखेल अपने बच्चों के लिए रो रही है, और अपने आँसू किसी को पोंछने नहीं देती, क्योंकि वे अब नहीं रहे।
19 हेरोद की मृत्यु के बाद प्रभु का दूत मिस्र देश में यूसुफ़ को स्वप्न में दिखाई दिया और
20 यह बोला, “उठिए! बालक और उसकी माता को ले कर इस्राएल देश चले जाइए, क्योंकि वे, जो बालक के प्राण लेना चाहते थे, मर चुके हैं।”
21 यूसुफ़ उठा और बालक तथा उसकी माता को ले कर इस्राएल देश चला आया।
22 उसने सुना कि अरखेलौस अपने पिता के स्थान पर यहूदिया में राज्य करता है; इसलिए उसे वहाँ जाने में डर लगा और स्वप्न में वह चेतावनी पा कर गलीलिया चला गया।
23 वहाँ वह नाज़रेत नामक नगर में जा बसा। इस प्रकार नबियों का यह कथन पूरा हुआ- यह नाज़री कहलायेगा।