मई 18, 2023, गुरुवार
पास्का का छठवाँ सप्ताह
📒 पहला पाठ : प्रेरित-चरित 18:1-8
1) इसके बाद पौलुस आथेंस छोड़ कर कुरिन्थ आया,
2) जहाँ आक्विला नामक यहूदी से उसकी भेंट हुई। आक्विला का जन्म पोन्तुस में हुआ था। वह अपनी पत्नी प्रिसिल्ला के साथ इटली से आया था, क्योंकि क्लौदियुस ने यह आदेश निकला था कि सब यहूदी रोम से चले जायें। पौलुस उन से मिलने गया
3) और उनके यहाँ रहने तथा काम करने लगा; क्योंकि वह एक ही व्यवसाय करता था- वे तम्बू बनाने वाले थे।
4) पौलुस प्रत्येक विश्राम के दिन सभागृह में बोलता और यहूदियों तथा यूनानियों को समझाने का प्रयत्न करता था।
5) जब सीलस और तिमथी मकेदूनिया से पहुँचे, तो पौलुस वचन के प्रचार के लिए अपना पूरा समय देने लगा और यहूदियों को यह साक्ष्य देता रहा कि ईसा ही मसीह हैं।
6) किन्तु जब वे लोग पौलुस का विरोध और अपमान कर रहे थे, तो उसने अपने वस्त्र की धूल झाड़ कर उन से यह कहा, ’’तुम्हारा रक्त तुम्हारे सिर पड़े! मेरा अन्तःकरण शुद्ध है। मैं अब से ग़ैर-यहूदियों के पास जाऊँगा।’’
7) वह उन्हें छोड़ कर चला गया और तितियुस युस्तुस नामक ईश्वर-भक्त के यहाँ आया, जिसका घर सभागृह से लगा हुआ था।
8) सभागृह के अध्यक्ष क्रिस्पुस ने अपने सारे परिवार के साथ प्रभु में विश्वास किया। बहुत-से कुरिन्थी भी पौलुस की बातें सुन कर विश्वास करते और बपतिस्मा ग्रहण करते थे।
📙 सुसमाचार : योहन 16:16-20
16 थोडे ही समय बाद तुम लोग मुझे नहीं देखोगे और फिर थोडे ही समय बाद मुझे देखोगे।
17) इस उनके कुछ शिष्यों ने आपस में यह कहा, ’’वह हम से यह क्या कहते हैं- थोडे ही समय बाद तुम मुझे नहीं देखोग और फिर थोडे ही समय बाद तुम मुझे देखोगे, और क्योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ?’’
18) इसलिये वे कहते थे, ’’वह जो ’थोडा समय’ कहते हैं इस का अर्थ क्या है? हम उनकी बात नहीं समझ पा रहे हैं।’’
19) ईसा ने यह जानकर कि वे मुझ से प्रश्न पूछना चाहते हैं, उन से कहा, ’’तुम आपस में मेरे इस कथन के अर्थ पर विचार विमर्श कर रहे हो कि ’थोडे ही समय बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़े ही समय बाद मुझे देखोगे।
20) मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ ’’तुम रोओगे और विलाप करोगे, परंतु संसार आनंद मनायेगा। तुम शोक करोगे किन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जायेगा।