गणना ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • पवित्र बाईबल
अध्याय 24
1 बिलआम ने देखा कि प्रभु इस्राएलियों को आशीर्वाद देना चाहता है, इसलिए उसने पहले की तरह तन्त्र-मन्त्र छोड़ कर,
2 अपनी आँखें ऊपर उठायीं और इस्राएलियों को देखा, जो अपने-अपने वंश के अनुसार शिविर डाल चुके थे। ईश्वर का आत्मा उस पर उतरा
3 और वह अपना यह काव्य सुनाने लगाः “ यह बओर के पुत्र बिलआम की भविष्यवाणी है। यह उस मनुष्य की भविष्यवाणी है, जो रहस्य देखता है ।
4 यह उसकी भविष्यवाणी है, जो ईश्वर के वचन सुनता और आत्मा से आविष्ट हो कर सर्वशक्तिमान् के दर्शन करता है।
5 याकूब! तुम्हारे तम्बू कितने सुन्दर हैं! इस्राएल! तुम्हारे निवास कितने रमणीय हैं!
6 वे घाटियों की तरह फैले हुए हैं, नदी के किनारे उद्यानों की तरह, ईश्वर द्वारा लगाये अगरू वृक्षों की तरह, जलस्रोत के निकट के देवदारों की तरह,
7 इस्राएलियों के पात्र जल से भरे रहेंगे, उनके बोये हुए खेतों की भरपूर सिंचाई होगी। उनका राजा अगाग से भी महान होगा और उसका राज्याधिकार बढ़ाया जायेगा।
8 ईश्वर उसे मिस्र से निकाल लाया, उसने उसे जंगली साँड़-जैसी शक्ति दी है। वह विरोधी राष्ट्रों को खा जाता और उनकी हड्डियाँ तोड़ता है। वह उन्हें अपने बाणों से छेदता है।
9 वह सिंह की तरह झुक कर बैठा है, सिंहनी की तरह झुक कर बैठा है। उसे ललकारने का साहस कौन करेगा? जो उसे आशीर्वाद दे, उसे आशीर्वाद प्राप्त हो । जो उसे अभिशाप दे, वह अभिशप्त हो।“
10 इसे सुनने के बाद बालाक को बिलआम पर क्रोध हो गया। उसने हाथ पर हाथ मार कर बिलआम से कहा, ‘’मैंने आप को अपने शत्रुओं को शाप देने के लिए बुलाया था। इसके विपरीत आपने उन्हें तीन बार आशीर्वाद दिया है।
11 आप तुरन्त अपने घर लौट जाइए। मैंने आप को महान् पुरस्कार देने का वचन दिया था, किन्तु प्रभु ने आप को उस से वंचित कर दिया है।‘’
12 बिलआम ने बालाक को उत्तर दिया, ‘’क्या मैंने आपके दूतों से, जिन्हें आपने मेरे पास भेजा था, यह नहीं कहा था कि
13 यदि बालाक मुझे इतना सोना चाँदी दे, जो उनके महल में भी न समा सके, तो भी मैं न तो प्रभु के आदेश का उल्लंघन करूँगा और न अपनी ओर से भला-बुरा कहूँगा। जो प्रभु कहेगा, मैं वही बोलूँगा।
14 अच्छा, अब मैं फिर अपनी जाति वालों के पास लौट जाता हूँ। लेकिन मैं जाने से पहले आप को यह बताऊँगा कि ये भविष्य में आपकी प्रजा के साथ क्या करेंगे।‘’
15 इसके बाद बिलआम ने फिर कहा “यह बओर का पुत्र बिलआम की भविष्यवाणी है। यह उस मनुष्य की भविष्यवाणी है, जो रहस्य देखता है।
16 यह उसकी भविष्यवाणी है, जो ईश्वर के वचन सुनता और आत्मा से आविष्ट हो कर सर्वशक्तिमान् के दर्शन करता है।
17 मैं उसे देखता हूँ – किन्तु वर्तमान में नहीं। मैं उसके दर्शन करता हूँ – किन्तु निकट से नहीं। याकूब के वंश में एक तारे का उदय होगा, इम्राएल के वंश में एक राजा उत्पन्न होगा। वह मोआब की कनपटियों और सेत के पुत्रों के कपाल को चूर-चूर कर देगा।
18 एदोम पराधीन देश होगा, उसका शत्रु सेईर पराधीन देश होगा, किन्तु याकूब की शक्ति बढ़ती जायेगी।
19.याकूब के वंश में एक शासक का उदय होगा, वह आर के बचे हुए लोगों को मिटायेगा।“
20 बिलआम ने अमालेकियों को देख कर यह गीत सुनाया : “अमालेक राष्ट्रों में अग्रगण्य रहा है, परन्तु अन्त में उसका सर्वनाश होगा”।
21 फिर केनियों को देख कर उसने कहा : “तुम्हारा निवासस्थान सुदृढ़ और तुम्हारा नीड़ चट्टानों में सुरक्षित है।
22 फिर भी काइन का नाश होगा। और अस्सूर तुम्हें बन्दी बना कर ले जायेगा।“
23 अन्त में उसने यह कहाः “हाय ! जब प्रभु यह सब करेगा, तो कौन जीवित रह पायेगा?
24 कित्तीम के तट से जलयान आयेंगे। वे अस्सूर और एबेर का दमन करेंगे, किन्तु अन्त में उनका भी सर्वनाश होगा।”
25 इसके बाद बिलआम लौट कर अपने देश चला गया और बालाक भी अपने रास्ते गया।