गणना ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • पवित्र बाईबल
अध्याय 3
1 जिस समय प्रभु ने सीनई पर्वत पर मूसा से बाते कीं, उस समय हारून और मूसा के पुत्र ये थे।
2 हारून के पुत्रों के नाम ये थे : पहलौठा नादाब, अबीहू, एलआज़ार और ईतामार।
3 हारून के इन पुत्रों का अभिषेक हुआ और इनकी नियुक्ति याजक-कार्य के लिए हुई थी।
4 नादाब- और अबीहू की मृत्यु प्रभु के सामने हो गयी थी, जब कि वे सीनई के उजाड़खण्ड में प्रभु को अवैध अग्नि अर्पित करना चाहते थे। उनके कोई पुत्र नहीं था। इसलिए एलआजार और ईतामार ही अपने पिता हारून के निर्देशन में याजकीय काम करते थे।
5 प्रभु ने मूसा से कहा,
6 ”लेवीवंशियों को बुला कर उन्हें याजक हारून की सहायता के लिए नियुक्त करो।
7 वे तम्बू की सेवा करेंगे और दर्शन-कक्ष के सामने हारून तथा समस्त समुदाय का कार्यभार संभालेंगे।
8 वे दर्शन-कक्ष की सब सामग्रियों की देख-भाल करेंगे और तम्बू की सेवा करते हुए इस्राएलियों के कर्त्तव्यों का पालन करेंगे।
9 तुम इस्राएलियों की ओर से लेवियों को हारून और उसके पुत्रों की सेवा में अर्पित करोगे।
10 हारून और उसके पुत्रों को याजकीय सेवा में नियुक्त करो। यदि कोई अनधिकारी व्यक्ति यह करे, तो उसका वध किया जाये।”
11 प्रभु ने मूसा से यह भी कहा,
12 “मैं इस्राएलियों के बीच उनके पहलौठे पुत्रों के स्थान पर लेवियों को चुनता हूँ। लेवीवंशी मेरे ही होंगे। सब पहलौठे पुत्र मेरे हैं।
13 जिस दिन मैंने मिस्र देश में सब पहलौठे बच्चों को मार डाला था, उसी दिन से मैंने इस्राएलियों में प्रत्येक पहलौठे बच्चे को, चाहे वह मनुष्य हो या पशु, अपना ही मान लिया है। इसलिए वे मेरे हैं। मैं प्रभु हूँ।”
14 सीनई के उजाड़खण्ड में प्रभु ने मूसा से कहा,
15 ”तुम सब पुरुष लेवीवंशियों का, जिनकी अवस्था एक महीना या इस से अधिक है, उनके कुलों और घरानों के अनुसार नामांकन करो।”
16 मूसा ने प्रभु के आदेश के अनुसार उनका नामांकन किया।
17 लेवी के पुत्रों के नाम ये हैं : गेरशोनो, कहात और मरारी।
18 अपने-अपने कुलों के अनुसार गेरशोन के पुत्रों के नाम ये हैं : लिबनी और शिमई।
19 अपने-अपने कुलों के अनुसार कहात के पुत्र ये हैं : अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, उज्जीएल।
20 अपने-अपने कुलों के अनुसार मरारी के पुत्र ये हैं : महली और मूशी। ये हैं अपने-अपने घरानों के अनुसार लेवियों के कुल।
21 गेरशोन से लिबनी और शिमई के कुल उत्पन्न हुए। ये गेरशोनियों के कुल हैं।
22 इन में एक महीने के बालक और इस से ऊपर के सब नामांकित पुरुषों की संख्या सात हज़ार पाँच सौ थी।
23 गेरशोन के कुटुम्बियों के पड़ाव निवास के पीछे पश्चिम की ओर थे।
24 गेरशोनियों के घरानों का मुखिया लाएल का पुत्र एल्यासाफ था।
25 गेरशोनियों को दर्शन-कक्ष में इन वस्तुओं की देखभाल करनी थी – निवास और तम्बू, उसका आवरण, दर्शन-कक्ष के प्रवेश का परदा,
26 आँगन के परदे, निवास और वेदी के चारों ओर के आँगन के द्वार का परदा, उसके लिए सब आवश्यक रस्सियाँ और इन्हीं से संबंधित अन्य सब कार्य।
27 कहात से अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल के कुल उत्पन्न हुए। ये कहातियों के कुल हैं।
28 इन में एक महीने और इस से ऊपर के सब नामांकित पुरुषों की संख्या आठ हज़ार छः सौ थी। ये पवित्र स्थान की सेवा करते थे।
29 कहात के कुटुम्बियों के पड़ाव निवास के दक्षिण की ओर थे।
30 कहातियों के घरानों का मुखिया उज्जीएल का पुत्र एलीसाफान था।
31 इन्हें मंजूषा, मेज़, दीपवृक्ष, वेदियों, सेवा-कार्य में प्रयुक्त पवित्र-स्थान की वस्तुओं और अन्तरपट की देखभाल करनी थी और इन्हीं से सम्बन्धित अन्य सब कार्य।
32 लेबियों के नेताओं का प्रधान याजक हारून का पुत्र एलआजार था। उसका कार्य पवित्र-स्थान की सेवा करने वालों का निरीक्षण करना था।
33 मरारी से महली और मूशी के कुल उत्पन्न हुए। ये मरारियों के कुल हैं
34 इन में एक महीने और इस से ऊपर के सब नामांकित पुरुषों की संख्या छः हज़ार दो सौ थी।
35 मरारियों के घरानों का मुखिया अबीहैल का पुत्र सूरीएल था। उनका पड़ाव निवास के उत्तर की ओर था।
36 मरारियों को तम्बू की चौखटों, छड़ों, खूँटों, कुर्सियों और उनके सारे सामान की देखभाल करनी थी और इन्हीं से सम्बन्धित अन्य कार्य;
37 इसके अतिरिक्त चारों ओर के आँगन के खूँटों, उनकी कुर्सियों, खूँटियों और रस्सियों की देखभाल।
38 निवास के सामने, अर्थात् दर्शन-कक्ष के पूर्व की ओर, सूर्योदय की दिशा में मूसा, हारून तथा उनके पुत्रों का पड़ाव था। उन्हें इस्राएलियों के लिए पवित्र-स्थान की सेवा करनी थी। यदि कोई अनधिकारी व्यक्ति वहाँ जाता, तो उसका वध किया जाता।
39 एक महीने और इस से ऊपर के लेवियों के पुरुषों की, जिनका मूसा और हारून ने प्रभु के आदेश से उनके कुलों के अनुसार नामांकन किया था, कुल संख्या बाईस हज़ार थी।
40 प्रभु ने मूसा से कहा, ”एक महीने और इस के ऊपर के पहलौठे इस्राएली पुरुषों का नामांकन करो और उनकी गणना करो।
41 सब पहलौठे इस्रालियों के स्थान पर लेवियों को और इस्राएलियों के पशुओं के पहलौठे के स्थान पर लेवियों के पशुओं को मेरे लिए अलग करो। मैं प्रभु हूँ।”
42 मूसा ने प्रभु के आदेश के अनुसार सब पहलौठे इस्राएलियों का नामांकन किया।
43 एक महीने और इस से ऊपर के नामांकित पहलौठे पुरुषों की कुल संख्या बाईस हज़ार दो सौ तिहत्तर थी।
44 प्रभु ने मूसा से यह भी कहा,
45 ”इस्राएलियों के सब पहलौठे पुरुषों के स्थान पर लेवियों को और इस्राएलियों के पशुओं के पहलौठों के स्थान पर लेवियों के पशुओं को लो। लेवी मेरे हैं। मैं प्रभु हूँ।
46 पहलौठे इस्राएलियों की संख्या लेवियों की संख्या से दो सौ तिहत्तर अधिक हैं।
47 उनके विमोचन के लिए तुम प्रति पुरुष के लिए पाँच शेकेल लो। वे पवित्र-स्थान के शेकेलों की तौल के अनुसार हों – प्रत्येक शेकेल में बीस गेरा।
48 तुम यह द्रव्य – जिस से उन लोगों का विमोचन किया जायेगा, जो लेवियों से अधिक हैं- हारून और उसके पुत्रों को दोगे।”
49_50 मूसा ने अतिरिक्त पहलौठे इस्राएलियों के लिए पवित्र-स्थान के शेकेलों के हिसाब से एक हज़ार तीन सौ पैंसठ शेकेल वसूल किये।
51 मूसा ने प्रभु के आदेश के अनुसार यह द्रव्य हारून और उसके पुत्रों को दिया।