गणना ग्रन्थ
अध्याय : 1 • 2 • 3 • 4 • 5 • 6 • 7 • 8 • 9 • 10 • 11 • 12 • 13 • 14 • 15 • 16 • 17 • 18 • 19 • 20 • 21 • 22 • 23 • 24 • 25 • 26 • 27 • 28 • 29 • 30 • 31 • 32 • 33 • 34 • 35 • 36 • पवित्र बाईबल
अध्याय 36
1 एक दिन यूसुफ़ के वंशज माकीर के पुत्र और मनस्से के पोते गिलआद के कुल के मुखिया आये। वे मूसा और नेताओं, इस्राएली घरानों के मुखियाओं से
2 बोले, ”स्वामी! प्रभु ने आप को आदेश दिया कि आप चिट्ठियाँ डाल कर यह देश इस्राएलियों में दायभाग के रूप में बाँट दें। हमारे स्वामी को प्रभु के द्वारा यह भी आदेश मिला था कि हमारे भाई सलोफ़हाद का दायभाग उसकी पुत्रियों को मिले।
3 अब यदि वे इस्राएलियों के किसी अन्य वंश के पुरुषों के साथ विवाह करें, तो उनका दायभाग हमारे पूर्वजों के दायभाग से निकल जायेगा और उस वंश के दायभाग में सम्मिलित हो जायेगा, जिस में वे विवाह करेंगी। इस प्रकार हमारी पैतृक सम्पत्ति का भाग कम हो जायेगा
4 और तब यदि इस्राएलियों के लिए जयन्ती-वर्ष आयेगा, उनका दायभाग उस वंश के दायभाग में सम्मिलित हो जायेगा, जिस में उन्होंने विवाह किया है और इस प्रकार हमारे पूर्वजों के वंश का दायभाग हमसे छिनता जायेगा।”
5 मूसा ने प्रभु की आज्ञा पा कर इस्राएलियों को यह आदेश दिया, “यूसुफ़ के वंशजों का कहना ठीक है।
6 प्रभु सलोफ़हाद की पुत्रियों के मामलो में यह आज्ञा देता है कि वे जिसके साथ विवाह करना चाहें, कर लें, परन्तु वे अपने पिता के कुल के किसी पुरुष से ही शादी करें।
7 इस्राएल में कोई दायभाग एक वंश से दूसरे वंश में न जाने पाये, बल्कि हर एक इस्राएली अपनी पूर्वजों की भूमि अपने पास रखे।
8 इसलिए प्रत्येक कन्या, जिसे इस्राएली वंश में भूमि प्राप्त है, केवल अपने पिता के कुल के किसी पुरुष से विवाह करे, जिससे प्रत्येक इस्राएली अपनी पैतृक सम्पत्ति स्थायी रूप से अपने कुल में ही रखे रहे।
9 कोई विरासत एक वंश से दूसरे वंश में न जाने पाये; प्रत्येक इस्राएली विरासत में प्राप्त भूमि अपने पास रखे।”
10 प्रभु ने मूसा को जैसा आदेश दिया था, सलोफ़हाद की पुत्रियों ने वैसा ही किया।
11 इसलिए सलोफ़हाद की पुत्रियों ने, अर्थात् महला, तिर्सा, होगला, मिल्का और नोआ ने, अपने चाचाओं के पुत्रों के साथ विवाह कर लिया।
12 उन्होंने यूसुफ़ के पुत्र मनस्से के वंशजों के साथ विवाह किया। इस प्रकार उनका दायभाग उनके पिता के कुल में ही रह गया।
13 यही वे आदेश और विधि-निषेध हैं, जिन्हें प्रभु ने मूसा द्वारा यर्दन के पास, येरीख़ो के सामने, मोआब के मैदान में इस्राएलियों को दिया था।