08 अक्टूबर 2022

वर्ष का सत्ताईसवाँ सामान्य सप्ताह, शनिवार

पहला पाठ : गलातियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 3:22-29

22) परन्तु धर्मग्रन्थ ने सब कुछ पाप के अधीन कर दिया है, जिससे ईसा मसीह में विश्वास के द्वारा विश्वास करने वालों के लिए प्रतिज्ञा पूरी की जाये।

23) विश्वास के आगमन से पहले हम को उसके प्रकट होने के समय तक संहिता के निरीक्षण में बन्दी बना दिया गया था।

24) इस प्रकार जब तक मसीह नहीं आये और हम विश्वास के द्वारा धार्मिक नहीं बने, तब तक संहिता हमारी निरीक्षक रही।

25) किन्तु अब विश्वास आया है और हम निरीक्षक के अधीन नहीं रहे।

26) क्योंकि आप लोग सब-के-सब ईसा मसीह में विश्वास करने के कारण ईश्वर की सन्तति हैं;

27) क्योंकि जितने लोगों ने मसीह का बपतिस्मा ग्रहण किया, उन्होंने मसीह को धारण किया है।

28) अब न तो कोई यहूदी और न यूनानी, न तो कोई दास है और न स्वतन्त्र, न तो कोई पुरुष है और न स्त्री-आप सब ईसा मसीह में एक हो गये हैं।

29) यदि आप लोग मसीह के है, तो इब्राहीम की सन्तान है और प्रतिज्ञा के अनुसार उनके उत्तराधिकारी।

📙 सुसमाचार : सन्त लूकस का सुसमाचार 11:27-28

27) ईसा ये बातें कह ही रहे थे कि भीड़ में से कोई स्त्री उन्हें सम्बोधित करते हुए ऊँचे स्वर में बोल उठी, ’’धन्य है वह गर्भ, जिसने आप को धारण किया और धन्य हैं वे स्तन, जिनका आपने पान किया है!

28) परन्तु ईसा ने कहा, ’’ठीक है; किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो ईश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं’’।