स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 110

1 प्रभु ने मेरे प्रभु ने कहा: “तुम मेरे दाहिने बैठ जाओ। मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारा पावदान बना दूँगा।”

2 ईश्वर सियोन से आपके राज्याधिकार का विस्तार करेगा। आप दूर तक अपने शत्रुओं के देश पर शासन करेंगे।

3 आपकी सेना के संघटन के दिन आपकी प्रजा आपका साथ देगी। आपके सैनिक सुसज्जित हो कर प्रभात की ज्योति में ओस की तरह चमकेंगे।

4 ईश्वर की यह शपथ अपरिवर्तनीय है “तुम मेलखीसेदेक की तरह सदा पुरोहित बने रहोगे”।

5 ईश्वर आपके दाहिने विराजमान है। जिस दिन राजा का क्रोध भड़क उठेगा, वह अन्य राजाओं को कुचल देंगे।

6 वह अन्य राष्ट्रों का न्याय करेंगे, असंख्य लोगों का वध करेंगे और पृथ्वी भर में उनका सर्वनाश करेंगे।

7 वह मार्ग में जलस्रोत का पानी पी कर अपना सिर ऊँचा करेंगे।