स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 114

1 अल्लेलूया! जब इस्राएल मिस्र से निकला, जब याकूब का वंश विदेशी राष्ट्र से भाग चला,

2 तो यूदा प्रभु का मन्दिर बना और इस्राएल उसका राज्य।

3 समुद्र यह देख कर भाग चला, यर्दन नदी उलटी दिशा में बहने लगी।

4 पर्वत मेढ़ों की तरह उछल पड़े, पहाड़ियाँ मेमनों की तरह।

5 समुद्र! तू क्यों भागा? यर्दन! तू उलटी दिशा में क्यों बहने लगी?

6 पर्वतो! तुम मेढ़ों की तरह क्यों उछल पड़े? पहाड़ियो! तुम मेमनों की तरह क्यों उछल पड़ीं?

7 पृथ्वी प्रभु के सामने कम्पित हो, याकूब के ईश्वर के सामने,

8 जो चट्टान को जलाशय में पथरीली भूमि को उमड़ते स्रोत में बदल देता है।