स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 117

1 समस्त जातियो! प्रभु की स्तुति करो । समस्त राष्ट्रो! उसकी महिमा गाओ;

2 क्योंकि हमारे प्रति उसका प्रेम समर्थ है। उसकी सत्यप्रतिज्ञता सदा-सर्वदा बनी रहती है। अल्लेलूया!