स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 20

2 (1-2) संकट के समय प्रभु आपकी प्रार्थना सुने, याकूब के ईश्वर का नाम उसकी रक्षा करे।

3 वह मन्दिर में से आपकी सहायता करे, सियोन पर्वत पर से आप को सँभाले।

4 वह आपके सब चढ़ावों को स्मरण रखे और आपकी होम-बलि स्वीकारे।

5 वह आपके सब मनोरथ पूर्ण करे और आपकी समस्त योजनाएँ सफल बनाये।

6 तब हम आपकी विजय के कारण तालियाँ बजायेंगे और अपने ईश्वर के नाम पर ध्वजाएँ फहरायेंगे। प्रभु आपकी सब प्रार्थनाएँ पूरी करे।

7 अब मैं जान गया कि प्रभु अपने अभिषिक्त को विजय दिलाता है। वह अपने विजयी बाहुबल के प्रदर्शन से अपने अभिषिक्त की प्रार्थना पूरी करता है।

8 कुछ लोग रथों पर और कुछ लोग अश्वों पर गौरव करते हैं। हम तो प्रभु, अपने ईश्वर के नाम की दुहाई देते हैं।

9 वे लड़खड़ा कर गिर जाते हैं और हम डट कर सामना करते हैं।

10 प्रभु! राजा को विजय दिला। जिस दिन हम तुझे पुकारते हैं, उस दिन हमारी सुन।