स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 4

2 (1-2) ईश्वर! मेरे रक्षक! मेरी पुकार का उत्तर दे। तूने मुझे सदा संकट से उबारा है। मुझ पर दया कर और मेरी प्रार्थना सुन।

3 मनुष्यो! कब तक अन्धे बने रहोगे? कब तक मोह में पड़ कर असत्य की खोज करते रहोगे?

4 समझ लो-प्रभु अपने भक्त के लिए अपूर्व कार्य करता है। वह सदा मेरी प्रार्थना सुनता है।

5 प्रभु पर श्रद्धा रखो! पाप से दूर रहो! शय्या पर मौन हो कर ध्यान करो।

6 प्रभु को योग्य बलिदान चढ़ाओ और उस पर भरोसा रखो।

7 कितने ही लोग कहते हैं: हमें सुख-शान्ति कहाँ से मिलेगी? प्रभु! हम पर दयादृष्टि कर!

8 जो आनन्द तू मुझे प्रदान करता है, वह उस आनन्द से गहरा है, जो लोगों को अंगूर और गेहूँ की अच्छी फसल से मिलता है। 9 प्रभु! मैं लेटते ही सो जाता हूँ, क्योंकि तू ही मुझे सुरक्षित रखता है।