स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 43

1 ईश्वर! मुझे न्याय दिला, इस विधर्मी पीढ़ी के विरुद्ध मेरा पक्ष ले। ईश्वर! कपटी और कुटिल लोगों से मुझे बचाये रखने की कृपा कर।

2 ईश्वर! तू ही मेरा आश्रय है। तूने मुझे क्यों त्याग दिया? शुत्र के अत्याचार से दुःखी हो कर मुझे क्यों भटकना पड़ता है?

3 अपनी ज्योति और अपना सत्य भेज। वे मुझे मार्ग दिखा कर तेरे पवित्र पर्वत तक, तेरे निवासस्थान तक पहुँचा देंगे।

4 मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा, ईश्वर के पास, जो मेरा आनन्द और उल्लास है। मैं वीणा बजाते हुए अपने प्रभु-ईश्वर की स्तुति करूँगा।

5 मेरी आत्मा! उदास क्यों हो? क्यों आह भरती हो? ईश्वर पर भरोसा रखो। मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। वह मेरा मुक्तिदाता और मेरा ईश्वर है।