स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 98

1 प्रभु के आदर में नया गीत गाओ, उसने अपूर्व कार्य किये हैं। उसके दाहिने हाथ, उसकी पवित्र भुजा ने विजय पायी है।

2 प्रभु ने अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया। उसने राष्ट्रों के लिए अपना न्याय प्रदर्शित किया है।

3 उसने अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान कर इस्राएल के घराने की सुध ली है। पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति-विधान प्रकट हुआ है।

4 समस्त पृथ्वी प्रभु का जयकार करे और आनन्द मनाते हुए भजन गाये।

5 वीणा बजाते हुए प्रभु के आदर में भजन गा कर सुनाओ।

6 तुरही और नरसिंघा बजाते हुए अपने प्रभु-ईश्वर का जयकार करो।

7 समुद्र की लहरें गरजने लगें; पृथ्वी और उसके निवासी जयकार करें;

8 नदियाँ तालियाँ बजायें और पर्वत आनन्दित हो उठें;

9 क्योंकि प्रभु पृथ्वी का न्याय करने आ रहा है। वह न्यायपूर्वक संसार का शासन करेगा। वह निष्पक्ष हो कर राष्ट्रों का न्याय करेगा।