सोमवार, 11 सितंबर, 2023

वर्ष का तेईसवाँ सामान्य सप्ताह

पहला पाठ : कलोसियों 1:24-2:3

24) इस समय मैं आप लोगों के लिए जो कष्ट पाता हूँ, उसके कारण प्रसन्न हूँ। मसीह ने अपने शरीर अर्थात् कलीसिया के लिए जो दुःख भोगा है, उस में जो कमी रह गयी है, मैं उसे अपने शरीर में पूरा करता हूँ।

25) मैं ईश्वर के विधान के अनुसार कलीसिया का सेवक बन गया हूँ, जिससे मैं आप लोगों को ईश्वर का वह सन्देश,

26) वह रहस्य सुनाऊँ, जो युगों तथा पीढि़यों तक गुप्त रहा और अब उसके सन्तों के लिए प्रकट किया गया है।

27) ईश्वर ने उन्हें दिखलाना चाहा कि गैर-यहूदियों में इस रहस्य की कितनी महिमामय समृद्धि है। वह रहस्य यह है कि मसीह आप लोगों के बीच हैं और उन में आप लोगों की महिमा की आशा है।

28) हम उन्हीं मसीह का प्रचार करते हैं, प्रत्येक मनुष्य को उपदेश देते और प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण ज्ञान की शिक्षा देते हैं, जिससे हम प्रत्येक मनुष्य को मसीह में पूर्णता तक पहुँचा सकें।

29) इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मैं उनके सामर्थ्य से, जो मुझ में प्रबल रूप से क्रियाशील है, प्रेरित हो कर कठिन परिश्रम करते हुए संघर्ष में लगा रहता हूँ।

1) मैं चाहता हूँ कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया के विश्वासियों और उन सबों के लिए, जिन्होंने मुझे कभी नहीं देखा, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ,

2) जिससे वे हिम्मत न हारें, पे्रेम की एकता में बंधे रहें, ज्ञान की परिपूर्णता प्राप्त करें और इस प्रकार ईश्वर के रहस्य के मर्म तक पहुँच जायें।

3) वह रहस्य है मसीह, जिन में प्रज्ञा तथा ज्ञान की सम्पूर्ण निधि निहित है।

सुसमाचार : सन्त लूकस 6:6-11

6) किसी दूसरे विश्राम के दिन ईसा सभागृह जा कर शिक्षा दे रहे थे। वहाँ एक मनुष्य था, जिसका दायाँ हाथ सूख गया था।

7) शास्त्री और फ़रीसी इस बात की ताक में थे कि यदि ईसा विश्राम के दिन किसी को चंगा करें, तो हम उन पर दोष लगायें।

8) ईसा ने उनके विचार जान कर सूखे हाथ वाले से कहा, ’’उठो और बीच में खड़े हो जाओ’’। वह उठ खड़ा हो गया।

9) ईसा ने उन से कहा, ’’मैं तुम से पूछ़ता हूँ-विश्राम के दिन भलाई करना उचित है या बुराई, जान बचाना या नष्ट करना?’’

10) तब उन सबों पर दृष्टि दौड़ा कर उन्होंने उस मनुष्य से कहा, ’’अपना हाथ बढ़ाओ’’। उसने ऐसा किया और उसका हाथ अच्छा हो गया।

11) वे बहुत क्रुद्ध हो गये और आपस में परामर्श करते रहे कि हम ईसा के विरुद्ध क्या करें।